"बिहार के पर्यटन को मिलेगी वैश्विक पहचान: सहरसा की झील और करमचट डैम का होगा ऐतिहासिक विकास!"

"बिहार के पर्यटन को मिलेगी वैश्विक पहचान: सहरसा की झील और करमचट डैम का होगा ऐतिहासिक विकास!"


 बिहार में पर्यटन के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत होने जा रही है। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने राज्य के दो प्रमुख पर्यटन स्थलों के वैश्विक स्तर पर विकास के लिए 2024-25 के दौरान विशेष सहायता प्रदान करने का फैसला लिया है। इस योजना के तहत बिहार के सहरसा जिले की प्रसिद्ध मत्स्यगंधा झील और रोहतास-कैमूर की सीमा पर स्थित करमचट डैम को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया जाएगा, ताकि ये स्थल न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आकर्षण का केंद्र बन सकें।सहरसा स्थित मत्स्यगंधा झील को बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है। यह झील प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता से भरपूर है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। सरकार की योजना के तहत इस झील का वैश्विक स्तर पर विकास किया जाएगा। 

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97.61 करोड़ रुपये की भारी राशि इस झील के विकास के लिए आवंटित की गई है, जिससे इसे एक आधुनिक पर्यटन स्थल बनाया जाएगा। इसमें पर्यटकों के लिए नए इन्फ्रास्ट्रक्चर, बेहतर परिवहन सुविधाएं, और आकर्षक गतिविधियों की शुरुआत की जाएगी, ताकि लोग यहां आकर न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लें बल्कि विभिन्न जल क्रीड़ाओं और अन्य पर्यटन गतिविधियों का भी अनुभव कर सकें।रोहतास और कैमूर के बीच स्थित करमचट डैम को अब एक प्रमुख इको-टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने 49.51 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है।बिहार के पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने इस अवसर पर खुशी व्यक्त करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के पर्यटन स्थलों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इन दोनों पर्यटन स्थलों के लिए विशेष सहायता की मांग की थी, जिसे मंजूरी मिल गई है। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की विशेष पहल और समर्थन से वास्तविकता में बदला जा रहा है।बिहार का पर्यटन उद्योग लंबे समय से अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहा था, और अब इन दो प्रमुख स्थलों के विकास से राज्य को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान मिल सकेगी। इन योजनाओं से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार और पर्यटन से जुड़ी कई अन्य लाभ भी मिलेंगे। बिहार के ग्रामीण इलाकों में पर्यटन उद्योग के विस्तार से स्थानीय स्तर पर विकास की नयी राहें खुलेंगी।इन परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन से बिहार में न केवल देशी, बल्कि विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी। इससे राज्य की संस्कृति, इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिलेगी। इसके अलावा, राज्य में इको-टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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