Arvind Kejriwal के बिहार-यूपी बयान पर सियासी घमासान, तेजस्वी ने बचाव में दिया बयान!

Arvind Kejriwal के बिहार-यूपी बयान पर सियासी घमासान, तेजस्वी ने बचाव में दिया बयान!

 

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**BPSC ने प्रशांत किशोर को भेजा कानूनी नोटिस, भ्रष्टाचार के आरोपों पर सबूत मांगे**  


बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने जन सुराज पार्टी के संस्थापक और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) को कानूनी नोटिस जारी किया है। यह नोटिस बीपीएससी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाने के मामले में भेजा गया है। आयोग ने प्रशांत किशोर से इन आरोपों के समर्थन में सबूत मांगे हैं। उन्हें 7 दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया है। ऐसा न करने पर आयोग ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।  


### **आरोप और कानूनी नोटिस का आधार**  

बीपीएससी की लीगल टीम ने प्रशांत किशोर के 2, 3 और 6 जनवरी को यूट्यूब और अन्य सार्वजनिक मंचों पर दिए गए बयानों का हवाला देते हुए यह नोटिस भेजा। इन बयानों में प्रशांत किशोर ने आयोग पर नौकरियों के लिए पैसे लेने और भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया था। नोटिस में कहा गया है कि इन आरोपों के संबंध में प्रमाण प्रस्तुत करें। यदि प्रशांत किशोर सबूत देने में असफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।  


### **प्रशांत किशोर का आंदोलन और हाईकोर्ट में याचिका**  

प्रशांत किशोर ने 2 जनवरी से बीपीएससी के खिलाफ अनशन शुरू किया है। उनका दावा है कि 13 दिसंबर 2024 को आयोजित 70वीं प्रारंभिक सिविल सेवा परीक्षा में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ, जिसमें 1000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ और पदों को बेचा गया। उन्होंने इस परीक्षा की जांच और पुनः परीक्षा की मांग को लेकर पटना हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की है।  


इस याचिका में उन्होंने परीक्षा के नतीजे जारी करने पर रोक लगाने और घोटाले की विस्तृत जांच करने की मांग की है। पटना हाईकोर्ट इस मामले में 15 जनवरी को सुनवाई करेगा।  


### **BPSC का सख्त रुख**  

बीपीएससी ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए प्रशांत किशोर के अलावा कुछ अन्य लोगों को भी नोटिस जारी किया है। आयोग के सचिव सत्य प्रकाश शर्मा ने बताया कि अध्यक्ष के निर्देश पर लीगल टीम ने यह कार्रवाई की है। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग अपनी प्रतिष्ठा के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा और आरोपों के सच-झूठ की जांच के लिए कानूनी विकल्प अपनाएगा।  


### **आयोग पर लगे आरोप और विपक्ष की प्रतिक्रिया**  

प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया है कि बीपीएससी ने परीक्षा प्रक्रिया में भारी अनियमितता की है। इसके जवाब में आयोग ने उनके बयानों को आधारहीन बताया और कहा कि ये आरोप बिना सबूत के लगाए गए हैं।  


प्रशांत किशोर के आंदोलन को बिहार की राजनीति में नई हलचल के तौर पर देखा जा रहा है। कई विपक्षी दलों ने प्रशांत किशोर के आरोपों का समर्थन किया है, जबकि सत्तारूढ़ दल ने इसे महज एक सियासी चाल बताया है।  


### **क्या है आगे की राह?**  

BPSC ने साफ कर दिया है कि प्रशांत किशोर को 7 दिनों में जवाब देना होगा। यदि वे ऐसा करने में असफल रहते हैं, तो आयोग उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। वहीं, 15 जनवरी को पटना हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई से इस मामले में नया मोड़ आ सकता है।  


यह मामला केवल परीक्षा प्रक्रिया तक सीमित नहीं है, बल्कि बिहार की प्रशासनिक और राजनीतिक व्यवस्था में पारदर्शिता की मांग को लेकर एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर अपने दावों को कैसे साबित करते हैं और हाईकोर्ट इस मामले में क्या रुख अपनाता है।

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