Arvind Kejriwal पर केस चलाने की गृह मंत्रालय से मंजूरी, चुनाव से पहले बढ़ीं मुश्किलें!

Arvind Kejriwal पर केस चलाने की गृह मंत्रालय से मंजूरी, चुनाव से पहले बढ़ीं मुश्किलें!


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**अरविंद केजरीवाल पर केस चलाने की गृह मंत्रालय से मंजूरी, चुनावी मैदान में बढ़ीं मुश्किलें**  


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केजरीवाल पर दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केस चलाने की अनुमति दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।  


### **ईडी के आरोप: साजिशकर्ता और मास्टरमाइंड**  

ईडी ने अपनी चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल को इस घोटाले का मास्टरमाइंड और साजिशकर्ता बताया है। एजेंसी का दावा है कि दिल्ली की 2021-22 की आबकारी नीति में जानबूझकर बदलाव किए गए, जिससे प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया। इसके बदले कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई, जिसे आम आदमी पार्टी के चुनावी फंड के लिए इस्तेमाल किया गया।  


### **केजरीवाल को पहले भी मिली थी बेल**  

इससे पहले, नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 10 लाख रुपये के मुचलके पर बेल दी थी। हालांकि, कोर्ट ने उन पर कई सख्त शर्तें लगाई थीं।  

ईडी की चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का भी नाम है। उन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। ईडी का कहना है कि सिसोदिया और केजरीवाल ने मिलकर आबकारी नीति में बदलाव किए।  

### **दिल्ली चुनाव से पहले बड़ा झटका**  

दिल्ली में विधानसभा चुनाव 5 फरवरी 2025 को होने वाले हैं। ऐसे में अरविंद केजरीवाल पर केस चलने की खबर से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है। विपक्षी दल बीजेपी और कांग्रेस पहले से ही इस मुद्दे को चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में जुटे हैं।  


बीजेपी ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार ने दिल्ली के लोगों के साथ धोखा किया है। वहीं, कांग्रेस ने भी इस मामले को लेकर आप पर हमला बोला है।  


### **शराब घोटाले की पृष्ठभूमि**  

यह मामला पहली बार जुलाई 2022 में सामने आया था, जब दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। जांच में पता चला कि इस नीति के तहत शराब के ठेके प्राइवेट कंपनियों को दिए गए, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।  


ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से अपनी जांच शुरू की और केजरीवाल को 2024 में गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मई 2024 में चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें केजरीवाल और सिसोदिया का नाम प्रमुखता से सामने आया।  


### **राजनीतिक विशेषज्ञों की राय**  

विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला दिल्ली चुनाव में बड़ा मुद्दा बन सकता है। अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जानी जाती थी, अब खुद गंभीर आरोपों में घिरी है।  

अगर ईडी का केस मजबूत साबित होता है, तो यह आम आदमी पार्टी की छवि को गहरा धक्का पहुंचा सकता है। इसके अलावा, विपक्षी दल इसे भुनाने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे।  

### **केजरीवाल की प्रतिक्रिया का इंतजार**  

अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की ओर से इस मामले पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इन आरोपों का सामना कैसे करती है और चुनावी माहौल को कैसे संभालती है।  

### **निष्कर्ष**  

गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद अब यह मामला और गंभीर हो गया है। दिल्ली की राजनीति में यह एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। आम आदमी पार्टी के लिए यह मुश्किल वक्त है, जबकि विपक्ष इस मौके को पूरी तरह भुनाने की कोशिश करेगा।

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