ओवैसी का मोदी सरकार पर हमलाः अजमेर दरगाह पर चादर भेजने का कोई फायदा नहीं!

ओवैसी का मोदी सरकार पर हमलाः अजमेर दरगाह पर चादर भेजने का कोई फायदा नहीं!


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**असदुद्दीन ओवैसी का मोदी सरकार पर हमला: अजमेर दरगाह पर चादर भेजने का कोई फायदा नहीं, मस्जिदों के विवादों पर सरकार को उठानी चाहिए ठोस कदम**


एआईएमआईएम के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को एक बार फिर निशाने पर लिया है। शनिवार को ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर अजमेर दरगाह पर भेजी गई चादर को लेकर तीखा बयान दिया। उनका कहना था कि सरकार द्वारा भेजी गई चादर का कोई विशेष लाभ नहीं है और यह एक दिखावा मात्र है। ओवैसी ने यह भी कहा कि इससे ज्यादा जरूरी है कि सरकार उन दावों को लेकर ठोस कदम उठाए, जो मस्जिदों और दरगाहों के संबंध में अदालतों में दायर किए जा रहे हैं। 


ओवैसी ने आरोप लगाया कि भाजपा और संघ परिवार से जुड़े लोग लगातार अदालतों में यह दावा कर रहे हैं कि ख्वाजा अजमेर की दरगाह और कई अन्य मस्जिदें असल में कोई धार्मिक स्थल नहीं हैं। ऐसे विवादों को बढ़ावा देने वाली यह कार्रवाई सरकार की नीतियों को संदिग्ध बनाती है। ओवैसी ने यह भी कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी वाकई मुसलमानों के हित में काम करना चाहते हैं, तो उन्हें इन विवादों का समाधान निकालने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। 


केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को प्रधानमंत्री की ओर से अजमेर दरगाह पर भेजी गई चादर चढ़ाई थी, जो कि एक धार्मिक परंपरा के तहत की जाती है। हालांकि, ओवैसी ने इसे केवल एक दिखावा करार दिया और कहा कि असली काम तो यह है कि सरकार उन मस्जिदों और दरगाहों के खिलाफ चल रहे दावों को रोकने के लिए कुछ ठोस कार्रवाई करे। ओवैसी ने यह भी दावा किया कि भाजपा शासित राज्यों में मस्जिदों के खिलाफ ऐसे विवाद काफी बढ़ रहे हैं, और अगर सरकार चाहती तो इन मामलों का समाधान किया जा सकता था। 


चीन के मामले में भी ओवैसी ने सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार चीन के सामने ढीली पड़ी हुई है और उसकी ओर से हो रहे विवादों को नजरअंदाज किया जा रहा है। ओवैसी ने सवाल उठाया कि कैसे सरकार चीन की ओर से हमारे भूभाग पर बनाए जा रहे काउंटी और बांधों को रोकने में असफल रही है। उनका कहना था कि सरकार चीन से डरती है और इस मामले में उसे अपनी नीतियों को स्पष्ट करना चाहिए। 


ओवैसी के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वह भाजपा सरकार की नीतियों को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं और इसे देश की धर्मनिरपेक्षता और संविधान विरोधी बता रहे हैं। उनका कहना है कि इस तरह के मुद्दों को लेकर सरकार को जागरूकता दिखानी चाहिए और उन विवादों को खत्म करने के लिए कदम उठाने चाहिए जो समाज में तनाव पैदा कर रहे हैं।

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