Prashant Kishor की वैनिटी वैन पर सियासत: आंदोलन या दिखावा?

Prashant Kishor की वैनिटी वैन पर सियासत: आंदोलन या दिखावा?


 YouTube video link....https://youtu.be/F-Z7EP-bAGA


### **प्रशांत किशोर और वैनिटी वैन विवाद: आंदोलन या आराम?**  


पटना के गांधी मैदान में बीपीएससी छात्रों के आंदोलन के समर्थन में आमरण अनशन कर रहे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर एक नए विवाद में घिर गए हैं। धरनास्थल पर खड़ी उनकी हाईटेक वैनिटी वैन को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि प्रशांत किशोर इस आंदोलन को गंभीरता से नहीं ले रहे और वैनिटी वैन में आराम फरमा रहे हैं।  


जब इस मुद्दे पर मीडिया ने प्रशांत किशोर से सवाल किया, तो वे भड़क गए और आरोप लगाया कि पत्रकार आंदोलन के असली मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशांत किशोर ने कहा, "मीडिया छात्रों के मुद्दों की बात करने के बजाय वैनिटी वैन पर फोकस कर रहा है। यह पत्रकारिता नहीं, ढोंग है।"  


#### **विपक्ष ने उठाए सवाल**  

बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने वैनिटी वैन पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रशांत किशोर करोड़ों की वैनिटी वैन के साथ आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "यह वैनिटी वैन चार करोड़ रुपये की है और हर दिन इसका किराया 25 लाख रुपये है। प्रशांत किशोर को बताना चाहिए कि इतना पैसा कहां से आ रहा है। जो व्यक्ति ऐसी सुविधाओं के साथ आंदोलन कर रहा है, उसे छात्रों की समस्याओं से कोई मतलब नहीं।"  


#### **वैनिटी वैन पर क्यों हुआ बवाल?**  

वैनिटी वैन को लेकर विवाद तब बढ़ा जब उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। इन तस्वीरों में वैनिटी वैन को एक हाईटेक सुविधा से लैस बताया गया, जिसमें आरामदायक सोफे, एसी और अन्य लग्जरी सुविधाएं मौजूद हैं। आरजेडी और बीजेपी दोनों ने प्रशांत किशोर की मंशा पर सवाल उठाए और कहा कि यह आंदोलन से अधिक प्रचार का साधन लग रहा है।  


#### **प्रशांत किशोर का रुख**  

हालांकि, प्रशांत किशोर ने इस मुद्दे पर ज्यादा जवाब नहीं दिया। उन्होंने इसे मीडिया और विपक्ष की साजिश करार देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य छात्रों के हित में आंदोलन करना है, न कि ऐसे बेबुनियाद आरोपों का जवाब देना।  


#### **मामला क्यों है अहम?**  

प्रशांत किशोर के आंदोलन को कई लोग छात्रों के हित में एक बड़ा कदम मान रहे थे, लेकिन वैनिटी वैन विवाद ने इस आंदोलन की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर विपक्ष ने इसे दिखावा करार दिया है, वहीं प्रशांत किशोर का भड़कना उनके ऊपर उठ रहे सवालों को और मजबूत करता है।  


अब देखना यह है कि यह विवाद आंदोलन की दिशा को किस ओर ले जाता है और प्रशांत किशोर छात्रों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं या नहीं।

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