नीतीश कुमार का बड़ा दावा ! 2005 से पहले जंगलराज, अब रात 11 बजे तक सड़कों पर बेखौफ घूमते हैं लोग !
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**क्या बिहार में फिर होगा सियासी उलटफेर? CM नीतीश कुमार के बयान से बढ़ी हलचल!**
बिहार की राजनीति में हलचल मचाने वाला बयान सामने आया है। सवाल ये उठता है कि क्या बिहार में एक बार फिर सियासी समीकरण बदलने वाले हैं? क्या 2025 के चुनाव से पहले कोई बड़ा राजनीतिक खेल होगा? या फिर नीतीश कुमार ने अपने बयान से साफ कर दिया है कि अब कोई सियासी उलटफेर नहीं होगा? आइए, जानते हैं पूरा मामला विस्तार से।
## **नीतीश कुमार ने दिया बड़ा बयान**
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संत रविदास जयंती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मंच से साफ कहा कि बिहार में अब हालात बदल चुके हैं। पहले पटना में शाम होते ही सन्नाटा छा जाता था, लेकिन अब लोग रात 11 बजे तक बेखौफ घूमते हैं। उनका इशारा किस ओर था? क्या यह महागठबंधन सरकार पर तंज था या फिर अपने शासनकाल की उपलब्धियों को गिनाने का तरीका?
नीतीश कुमार ने मंच से अपने कार्यकाल की तमाम योजनाओं का जिक्र किया और दावा किया कि उनकी सरकार ने समाज के हर तबके के लिए काम किया है। खासतौर पर **अनुसूचित जाति और जनजाति** के लोगों के विकास को लेकर कई योजनाओं का जिक्र किया गया।
## **विकास योजनाओं का दावा**
नीतीश कुमार ने बताया कि उनकी सरकार ने **विकास मित्र योजना** के तहत 9707 विकास मित्रों की नियुक्ति की है, जो जमीनी स्तर पर विकास कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। 2023 में विकास मित्रों के मानदेय को **1700 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये प्रतिमाह** कर दिया गया है, और हर साल इसमें 5% की बढ़ोतरी की जाएगी।
इसके अलावा, अनुसूचित जाति और जनजाति के युवाओं के लिए **उद्यमी योजना** शुरू की गई है, जिसके तहत **10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता** दी जाती है। इसमें 5 लाख रुपये की राशि अनुदान के रूप में दी जाती है, जबकि बाकी 5 लाख रुपये का ऋण दिया जाता है।
## **रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव**
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों के लिए **आवासीय विद्यालय और छात्रावास** बना रही है, ताकि उन्हें बेहतर शिक्षा मिल सके। इसके अलावा, **सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना** के तहत इन वर्गों के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है।
नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की **मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना** का भी जिक्र किया, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने बिहार के हर वर्ग के लिए काम किया है, और आगे भी ये काम जारी रहेगा।
## **महागठबंधन पर निशाना!**
अपने भाषण में नीतीश कुमार ने बिना नाम लिए महागठबंधन सरकार और खासतौर पर आरजेडी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि **"पहले कोई कुछ नहीं करता था, पहले जंगलराज था, अब सुशासन की सरकार है।"** उनका यह बयान सीधे-सीधे लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल पर हमला था।
नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि **"हम एनडीए के साथ हैं और रहेंगे।"** यानी उन्होंने अपने सियासी स्टैंड को पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया। इससे पहले कई बार यह अटकलें लगाई जाती रही हैं कि नीतीश कुमार फिर से पलटी मार सकते हैं, लेकिन इस बयान से उन्होंने इन सभी अटकलों पर फुलस्टॉप लगा दिया।
## **2025 चुनाव से पहले सियासी सरगर्मी तेज**
बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और उससे पहले सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। नीतीश कुमार के इस बयान से साफ हो गया है कि वे खुद को सुशासन के चेहरे के तौर पर पेश कर रहे हैं और महागठबंधन को घेरने की तैयारी में हैं।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या बीजेपी भी नीतीश कुमार पर पूरी तरह भरोसा कर रही है? क्या जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन 2025 के चुनाव तक बरकरार रहेगा? और क्या आरजेडी और कांग्रेस मिलकर दलित और पिछड़े वोट बैंक को अपने पाले में लाने की कोशिश करेंगे?
## **क्या बिहार में होगा बड़ा सियासी उलटफेर?**
बिहार की राजनीति हमेशा से अप्रत्याशित रही है। नीतीश कुमार ने अतीत में कई बार अपने राजनीतिक रुख में बदलाव किया है। 2015 में उन्होंने महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ा, फिर 2017 में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई, और 2022 में फिर से महागठबंधन का हिस्सा बन गए। लेकिन अब वे फिर एनडीए में लौट चुके हैं।
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या 2025 के चुनाव से पहले कोई और बड़ा उलटफेर होगा? या फिर इस बार नीतीश कुमार अपनी सरकार को स्थिर बनाए रखेंगे? बिहार की राजनीति में कुछ भी संभव है, और आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि राजनीतिक समीकरण कैसे बदलते हैं।
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