"बिहार में धान खरीद का ऐतिहासिक रिकॉर्ड ! 39 लाख मीट्रिक टन से भी ज्यादा खरीदारी, कौन-कौन से जिले रहे अव्वल ?

"बिहार में धान खरीद का ऐतिहासिक रिकॉर्ड ! 39 लाख मीट्रिक टन से भी ज्यादा खरीदारी, कौन-कौन से जिले रहे अव्वल ?


YouTube video link....https://youtu.be/D0TwVPMDA7U

**बिहार में धान खरीद का ऐतिहासिक रिकॉर्ड: 39 लाख मीट्रिक टन से भी ज्यादा खरीदारी, कौन-कौन से जिले रहे अव्वल?**


बिहार के किसानों के लिए इस साल एक बड़ी खुशखबरी आई है। राज्य में धान खरीद को लेकर एक नया ऐतिहासिक रिकॉर्ड बन गया है। बिहार सरकार ने इस साल 39.23 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी है, जो कि निर्धारित लक्ष्य का 87.2% है। खास बात यह है कि यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में लगभग 9 लाख मीट्रिक टन ज्यादा है। इस रिकॉर्ड को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि राज्य में कृषि नीतियों में सुधार और किसानों की मेहनत रंग ला रही है।


**पिछले साल के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन**


पिछले साल की तुलना में इस बार धान की खरीदारी में करीब 30% की बढ़ोतरी देखने को मिली है। जहां पिछले साल राज्य सरकार ने केवल 30 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी थी, वहीं इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 39 लाख मीट्रिक टन से ऊपर जा पहुंचा है। इस सफलता का श्रेय बिहार सरकार की नीतियों और कृषि विभाग के बेहतर कामकाज को दिया जा रहा है।


**कौन से जिले रहे अव्वल?**


आंकड़ों के मुताबिक, इस साल भोजपुर जिला सबसे आगे रहा, जहां 105% धान की खरीदारी दर्ज की गई। यानी कि इस जिले में सरकार ने तय लक्ष्य से भी अधिक धान खरीदी। इसके अलावा, अरवल, बांका, बेगूसराय, पूर्वी चंपारण, पटना, सहरसा, शिवहर, सीवान और सुपौल जैसे जिलों में 95% से ज्यादा धान खरीदी गई। पश्चिमी चंपारण, सारण, मुंगेर, जमुई और अररिया जैसे जिलों में भी यह आंकड़ा 90% के पार रहा।


**सरकार की योजनाओं का असर**


बिहार सरकार ने किसानों की फसल उत्पादन में वृद्धि के लिए कई योजनाओं का संचालन किया है। किसानों को पारंपरिक खेती के बजाय स्मार्ट खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत राज्य के सभी अनुमंडलों को ड्रोन दिए जाने की योजना बनाई गई है, ताकि खेती में नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा सके।


**धान की खरीदारी और किसानों की सुविधा**


धान खरीद के इस अभियान की शुरुआत उत्तर बिहार में 1 नवंबर 2024 से हुई थी और 15 फरवरी 2025 तक चली। दक्षिण बिहार में यह प्रक्रिया 15 नवंबर से शुरू होकर 15 फरवरी को समाप्त हुई। सरकार ने इस बार साधारण धान के लिए 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान के लिए 2320 रुपये प्रति क्विंटल की दर तय की थी। यह दर पिछले साल की तुलना में अधिक थी। पिछले वर्ष साधारण धान की कीमत 2183 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान की कीमत 2203 रुपये प्रति क्विंटल थी।


**किसानों के लिए नई प्रक्रिया**


इस बार बिहार सरकार ने धान बिक्री की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए बायोमैट्रिक सत्यापन अनिवार्य कर दिया था। इसके तहत किसानों को तय मात्रा में धान बेचने की अनुमति दी गई थी। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया गया कि किसानों को धान की खरीद के 48 घंटे के भीतर भुगतान कर दिया जाए और कोई भी बकाया नहीं रहे।


**मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका**


बिहार सरकार की कृषि नीतियों का बड़ा योगदान इस सफलता में है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिससे फसल उत्पादन और उत्पादकता दोनों में वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने गन्ना मूल्य में भी बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जिससे बिहार में गन्ने की खेती को भी बढ़ावा मिला है।


**आगे की दिशा**


बिहार सरकार की नीतियां किसानों के हित में काम कर रही हैं, और इस बार की धान खरीदारी इसके स्पष्ट उदाहरण हैं। लेकिन, यह देखना अभी बाकी है कि क्या यह सफलता भविष्य में भी जारी रहेगी। क्या सरकार अपनी योजनाओं को और सुदृढ़ करेगी, ताकि बिहार के किसान अधिक लाभान्वित हो सकें?


अंत में, इस बार की धान खरीदारी न केवल किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, बल्कि राज्य के कृषि क्षेत्र को और मजबूती देने का काम करेगी।

0 Response to ""बिहार में धान खरीद का ऐतिहासिक रिकॉर्ड ! 39 लाख मीट्रिक टन से भी ज्यादा खरीदारी, कौन-कौन से जिले रहे अव्वल ?"

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article