"बिहार के बजट सत्र में देखने को मिल सकती हैं ये अहम चीज़ें?..."

"बिहार के बजट सत्र में देखने को मिल सकती हैं ये अहम चीज़ें?..."


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"बिहार के बजट सत्र में देखने को मिल सकती हैं ये अहम चीज़ें?..."


बिहार विधानमंडल का आगामी बजट सत्र 28 फरवरी से शुरू होकर 28 मार्च तक चलेगा, जो राज्य की राजनीति के लिए एक अहम घटनाक्रम साबित हो सकता है। इस सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार अपना आखिरी बजट पेश करेगी, जो वित्तीय वर्ष 2024-25 के मुकाबले कहीं अधिक विस्तारित और प्रभावी हो सकता है। इसे आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सरकार की अंतिम कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें बिहार के विकास और भविष्य की योजनाओं पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं


इस बजट सत्र की शुरुआत 28 फरवरी को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के द्व chambers में दोनों सदनों के सदस्य को पारंपरिक संबोधन से होगी। इस संबोधन में राज्यपाल राज्य सरकार की योजनाओं, विकास कार्यों और आगामी बजट के दृष्टिकोण पर चर्चा करेंगे। उसके बाद, आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा, जो बिहार के वित्तीय स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति की एक संपूर्ण तस्वीर पेश करेगा। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य राज्य के विकास की दिशा को समझना और आगामी वित्तीय साल के लिए नीति निर्धारण में सहायक बनना है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह आखिरी बजट 3 मार्च को पेश होगा और इसमें राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण घोषणाओं की उम्मीद है। इस बार बजट का आकार तीन लाख करोड़ रुपये के पार जाने की संभावना है, जो कि 2024-25 के मुकाबले करीब 8 प्रतिशत अधिक हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे अहम क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है। खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर निवेश की संभावना जताई जा रही है। 


बिहार में सरकार के लिए यह बजट चुनावी वर्ष में बहुत मायने रखता है। सरकार की ओर से किसानों, युवाओं और आम नागरिकों के लिए बड़े पैमाने पर लाभकारी योजनाओं की घोषणा की जा सकती है, जिससे आगामी चुनाव में वोटरों को आकर्षित किया जा सके। सड़क, बिजली, जल आपूर्ति और सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए वित्तीय आवंटन बढ़ाने की भी संभावना जताई जा रही है। 


इस बजट सत्र के दौरान कुल 20 दिन विधायी कार्य होंगे, जिनमें से आधे दिन विभिन्न विभागों के बजट पर चर्चा के लिए आरक्षित किए गए हैं। प्रत्येक विभाग के बजट पर चर्चा से पहले संबंधित मंत्री उस विभाग के वित्तीय प्रावधानों, योजनाओं और विकास कार्यों का ब्योरा देंगे, और फिर सदस्य इन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर भी दो दिन की विशेष चर्चा होगी, जिसमें राज्य के विकास कार्यों और आगामी योजनाओं पर चर्चा होगी। 


बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं, और यही वजह है कि नीतीश सरकार के लिए यह सत्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ सालों से नीतीश कुमार की सरकार राज्य के विकास में सफलता हासिल करने का दावा करती रही है, लेकिन आगामी चुनाव में विपक्षी दलों के तीखे हमलों और नई रणनीतियों से सरकार को चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। इस बार का बजट, जो चुनावी वर्ष में पेश हो रहा है, नीतीश सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा, ताकि वह जनता के बीच अपनी योजनाओं को और अपनी सरकार के कार्यों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सके। 



नीतीश सरकार ने पहले ही कई योजनाओं के तहत राज्य में विकास की गति को बढ़ाया है, और अब यह बजट उन योजनाओं को गति देने का एक और कदम हो सकता है। खासकर, रोजगार सृजन के लिए और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए सरकार की ओर से बड़े कदम उठाए जा सकते हैं। साथ ही, महिलाओं और सामाजिक रूप से वंचित समुदायों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की जा सकती है, जो नीतीश सरकार की सामाजिक न्याय नीति को आगे बढ़ाने में सहायक होंगी। 


बिहार विधानमंडल का यह बजट सत्र न केवल राज्य के विकास के लिए अहम है, बल्कि यह आगामी विधानसभा चुनाव के परिपेक्ष्य में सरकार की कार्यप्रणाली और प्राथमिकताओं को समझने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और बुनियादी ढांचा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सरकार द्वारा किए गए कामों के साथ आगामी योजनाओं को ध्यान में रखते हुए, यह सत्र बिहार के नागरिकों के लिए विकास और समृद्धि की नई राह तय करने में अहम भूमिका अदा करेगा।

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