बीजेपी के चाल, चरित्र और चेहरे पर सवाल! आदिवासी नेता को नोटिस

बीजेपी के चाल, चरित्र और चेहरे पर सवाल! आदिवासी नेता को नोटिस


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**क्या बीजेपी के ‘चाल, चरित्र और चेहरा’ पर उठ रहे सवाल वाजिब हैं? क्या पार्टी के भीतर दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं? एक ओर आदिवासी नेता किरोड़ीलाल मीणा को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है, वहीं दूसरी ओर हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पर लगे गंभीर आरोपों पर चुप्पी साधी जाती है! आखिर क्या है इस पूरी राजनीतिक उठापटक की सच्चाई?**  



बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक पोस्ट के जरिए पार्टी के अंदरूनी फैसलों पर सवाल खड़े किए हैं। उनका आरोप है कि बीजेपी ने राजस्थान के कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा को तो कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया, लेकिन हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली पर लगे गंभीर आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि बीजेपी के लिए आदिवासी नेता अनुशासनहीनता के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन बलात्कार के आरोप झेल रहे नेता पर कोई कार्रवाई नहीं होती।  


### **किरोड़ीलाल मीणा को क्यों मिला कारण बताओ नोटिस?**  


राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की ओर से कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। पार्टी ने मीणा से अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर जवाब मांगा है। दरअसल, पिछले दिनों किरोड़ीलाल मीणा ने अपनी ही सरकार पर जासूसी कराने और फोन टैपिंग के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि उनकी जासूसी हो रही है और उनके फोन टैप किए जा रहे हैं। उनके इस बयान के बाद राजस्थान की राजनीति में भूचाल आ गया और विधानसभा में विपक्ष ने इस मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। बीजेपी के लिए यह मुद्दा अंदरूनी कलह में बदलता जा रहा है, क्योंकि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता द्वारा खुद की ही सरकार पर लगाए गए आरोपों से संगठन की छवि प्रभावित हो सकती है।  


### **हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष पर लगे बलात्कार के आरोप?**  


पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली पर लगे रेप के आरोपों को लेकर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब एक आदिवासी नेता को अनुशासनहीनता के लिए नोटिस भेजा जा सकता है, तो हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही?  


दरअसल, पिछले साल दिसंबर में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि जुलाई 2023 में हिमाचल प्रदेश के कसौली स्थित एक होटल में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और सिंगर रॉकी मित्तल ने उसके साथ बलात्कार किया। हालांकि, बीजेपी नेता बड़ौली ने इस मामले को साजिश बताते हुए इसे झूठा करार दिया है। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब पार्टी अनुशासन और नैतिकता की बात करती है, तो क्या इन गंभीर आरोपों को भी नजरअंदाज किया जा सकता है?  


### **राम रहीम का भी जिक्र, क्या बीजेपी के लिए अलग-अलग नियम?**  


पप्पू यादव ने अपने पोस्ट में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि साध्वियों से यौन शोषण के आरोपी राम रहीम को बार-बार पैरोल दी जाती रही है। यह कोई नई बात नहीं है कि जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, राम रहीम को जेल से बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। कई बार यह आरोप लगे हैं कि बीजेपी की सरकारें वोट बैंक के लिए राम रहीम को राहत देती हैं। सवाल यह उठता है कि जब राम रहीम जैसे दोषी व्यक्ति को बार-बार विशेष सुविधाएं दी जा सकती हैं, तो क्या बीजेपी अपने ही नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रही है?  


### **क्या बीजेपी के अंदर फूट पड़ रही है?**  


राजस्थान के कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के नोटिस और हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष पर लगे आरोपों के मामले को जोड़कर देखा जाए, तो यह साफ नजर आता है कि पार्टी के भीतर गुटबाजी और सत्ता संघर्ष बढ़ रहा है।  


- क्या किरोड़ीलाल मीणा को उनकी बेबाकी की सजा दी जा रही है?  

- क्या पार्टी के अंदर नेताओं के लिए अलग-अलग मापदंड अपनाए जा रहे हैं?  

- क्या बीजेपी इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करेगी, या फिर विपक्ष इसे बड़ा हथियार बना लेगा?  


राजनीति में सवाल पूछे जाते हैं, लेकिन जवाब देना सभी पार्टियों के लिए हमेशा मुश्किल होता है। अब देखना यह है कि बीजेपी इन सवालों का जवाब देती है या फिर हमेशा की तरह ‘मौन’ रहकर इसे नजरअंदाज करने की कोशिश करती है।

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