बिहार का गर्व, देश का सम्मान! रामनाथ कोविंद ने खुद को बताया 'बिहारी राष्ट्रपति'

बिहार का गर्व, देश का सम्मान! रामनाथ कोविंद ने खुद को बताया 'बिहारी राष्ट्रपति'


 YouTube video link....https://youtu.be/ttEOu-Va4Ok

### **क्या बिहार को गर्व करने का एक और मौका मिला?**  

### **रामनाथ कोविंद को ही क्यों मिली 'बिहारी राष्ट्रपति' की पदवी?**  

### **क्या बिहार की धरती ने देश को एक और महान नेता दिया?**  


**राधा राणा | Hind Live**  

आज बात करेंगे भारत के पूर्व राष्ट्रपति *रामनाथ कोविंद* के उस बयान की, जिसने बिहार के लोगों को गर्व से भर दिया। उन्होंने कहा कि *'बिहारी राष्ट्रपति' की पदवी सिर्फ मुझे ही मिली, और यह मेरा सौभाग्य है।* यह बात उन्होंने पूर्वी चंपारण के *पिपराकोठी कृषि विज्ञान केंद्र* में आयोजित तीन दिवसीय *किसान उन्नति मेला 2025* में कही।  


रामनाथ कोविंद का बिहार प्रेम किसी से छिपा नहीं है। जब वे बिहार के राज्यपाल बने, तब से लेकर राष्ट्रपति बनने तक, उन्होंने हमेशा बिहार की मिट्टी को नमन किया। लेकिन क्या सच में बिहार की धरती ने उन्हें इस ऊंचाई तक पहुंचाया? क्या बिहार राजनीति और नेतृत्व के मामले में इतनी समृद्ध है कि वह देश को राष्ट्रपति तक दे सकता है?  


### **कैसे बना बिहार का राज्यपाल भारत का राष्ट्रपति?**  

रामनाथ कोविंद 2015 में बिहार के राज्यपाल बने और लगभग पौने दो साल तक इस पद पर रहे। फिर अचानक 2017 में उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए चुना गया। *नीतीश कुमार* ने खुद उनके नाम की घोषणा के बाद कहा था कि *"आप पहले ऐसे राज्यपाल हैं, जो सीधे राष्ट्रपति बन रहे हैं।"* इससे पहले *डॉ. जाकिर हुसैन* राज्यपाल से उपराष्ट्रपति बने थे और फिर राष्ट्रपति बने थे।  


रामनाथ कोविंद के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि थी। पटना का *राजभवन* छोड़कर सीधे *राष्ट्रपति भवन* पहुंचना उनके लिए न केवल गर्व की बात थी, बल्कि बिहार के लिए भी एक ऐतिहासिक क्षण था।  


### **'बिहारी राष्ट्रपति' की पदवी क्यों खास है?**  

रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि *"मैं राष्ट्रपति तो बना, लेकिन लोग मुझे 'बिहारी राष्ट्रपति' कहकर सम्मान देते हैं।"* यह पदवी उनके लिए इसलिए खास है क्योंकि यह बिहार के लोगों की भावनाओं को दर्शाती है। बिहार ने हमेशा देश को महान नेता दिए हैं, और जब कोविंद राष्ट्रपति बने, तो बिहार को गर्व करने का एक और मौका मिला।  


### **किसान उन्नति मेला में क्या बोले कोविंद?**  

इस कार्यक्रम में कोविंद ने किसानों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के कारण किसानों को हो रही परेशानियों का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने *रासायनिक उर्वरकों* के अधिक इस्तेमाल से होने वाले नुकसान पर भी चर्चा की और प्राकृतिक खेती को अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बिहार की धरती हमेशा से कृषि प्रधान रही है, और किसानों को अपनी परंपरागत खेती के तरीकों को आधुनिकता के साथ जोड़ना होगा।  


### **बिहार की धरती से राष्ट्रपति भवन तक का सफर**  

रामनाथ कोविंद 2017 में *भारत के 14वें राष्ट्रपति* बने और 2022 तक इस पद पर रहे। इससे पहले वे 2015 से 2017 तक बिहार के राज्यपाल थे। इसके अलावा, वे *राज्यसभा सांसद* भी रह चुके हैं और लंबे समय तक भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे हैं।  


लेकिन क्या यह सिर्फ एक संयोग था कि वे राष्ट्रपति बने, या इसके पीछे उनकी मेहनत, राजनीतिक अनुभव और बिहार की मिट्टी का आशीर्वाद था? यह सवाल आज भी चर्चा का विषय बना हुआ है।  


### **बिहार का गौरव – कोविंद का सफर प्रेरणा क्यों है?**  

रामनाथ कोविंद का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। उन्होंने बहुत साधारण परिवार से उठकर देश के सर्वोच्च पद तक का सफर तय किया। उनका यह सफर बिहार के लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो राजनीति, प्रशासन या किसी भी क्षेत्र में ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं।  


### **क्या बिहार को मिलेगा एक और राष्ट्रपति?**  

रामनाथ कोविंद ने बिहार की तारीफों के पुल बांधते हुए यह भी कहा कि *"बिहार की धरती ने मुझे राष्ट्रपति भवन तक पहुंचाया।"* लेकिन क्या आने वाले समय में बिहार से कोई और नेता इस पद तक पहुंच पाएगा? बिहार की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए यह सवाल उठता है कि क्या कोई और बिहारी नेता इस गौरव को दोहरा सकता है?  


### **अंत में – बिहार की मिट्टी का सम्मान**  

रामनाथ कोविंद ने अपने भाषण में यह साफ कर दिया कि वे आज भी अपने राष्ट्रपति बनने का श्रेय बिहार को देते हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्मान बिहार की धरती से उन्हें मिला है और वे इसे अपने सिर-माथे पर रखते हैं।  


### **आपकी क्या राय है?**  

क्या बिहार आने वाले समय में देश को एक और राष्ट्रपति दे सकता है? क्या बिहार की राजनीतिक स्थिति इतनी मजबूत है कि वह राष्ट्रीय नेतृत्व में अहम भूमिका निभा सके? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं।

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