बाबा बागेश्वर का भावुक बयान: 'गरीबी में जिया बचपन
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### **बिहार में कथा के दौरान भावुक हुए बाबा बागेश्वर – आखिर क्या था उनके आंसुओं का कारण?**
बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर **आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री** जहां भी कथा करने जाते हैं, वहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है। हाल ही में **बिहार के गोपालगंज** में हुई उनकी हनुमंत कथा में भी यही नजारा देखने को मिला। पांच दिनों तक चले इस आयोजन के अंतिम दिन कुछ ऐसा हुआ जिसने सबको चौंका दिया। कथा के दौरान **बाबा बागेश्वर भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े।**
इस पल को जिसने भी देखा, वह स्तब्ध रह गया। बाबा बागेश्वर ने अपने पुराने दिनों को याद किया और समाज में आर्थिक असमानता और भेदभाव पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि **कैसे गरीबों को समाज में सम्मान नहीं मिलता और किस तरह उनका परिवार भी इस भेदभाव का शिकार हुआ था।**
### **कथा के दौरान क्यों रो पड़े बाबा बागेश्वर?**
गोपालगंज की कथा के आखिरी दिन बाबा बागेश्वर अपने जीवन की कठिनाइयों को याद करने लगे। उन्होंने समाज में गरीबों के साथ होने वाले व्यवहार पर बात करते हुए बताया—
> *"हमने वो दिन देखे हैं जब हमारे पिताजी को शादी में नहीं बुलाया जाता था। परिवार वाले शादी के कार्ड में उनका नाम तक नहीं लिखते थे, क्योंकि हम गरीब थे।"*
उन्होंने आगे कहा कि **धन-दौलत और शोहरत के कारण समाज में अमीरों को ज्यादा सम्मान मिलता है, जबकि गरीबों को नजरअंदाज कर दिया जाता है।**
बाबा बागेश्वर की ये बातें सुनकर वहां मौजूद हजारों श्रद्धालु भावुक हो गए। उनके प्रवचन के दौरान पूरे पंडाल में शांति छा गई।
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### **गरीबी और समाज में भेदभाव पर खुलकर बोले बाबा**
बाबा बागेश्वर ने बताया कि उनके परिवार को भी इस भेदभाव का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा—
> *"लोग सोचते थे कि अगर हम फटे कपड़े पहनकर शादी में चले जाएंगे, तो उनकी इज्जत चली जाएगी। लेकिन मेरी मां ने हमेशा सिखाया कि श्रीराम को कभी मत छोड़ना। हमारे भी अच्छे दिन आएंगे।"*
उन्होंने लोगों से जात-पात और ऊंच-नीच से ऊपर उठकर **सनातन धर्म की एकता को बनाए रखने की अपील की।**
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### **राम भक्ति की राह ही असली राह**
बाबा बागेश्वर ने अपनी कथा में **हिंदू एकता और सनातन धर्म की रक्षा पर जोर दिया।** उन्होंने कहा—
> *"जिसपर कृपा राम की हो, उसपर पूरा संसार कृपा करता है। अगर पूरा जगत भी तुमसे रूठ जाए, लेकिन भगवान प्रसन्न हो, तो कोई तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। लेकिन अगर भगवान ही तुमसे रूठ गए, तो फिर कोई तुम्हें बचा नहीं सकता।"*
उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि **धन-दौलत, प्रतिष्ठा और समाज में ऊंचे पदों की तुलना में सच्ची भक्ति और ईश्वर का साथ ज्यादा महत्वपूर्ण है।**
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### **क्या यह हिंदू एकता की नई शुरुआत है?**
बाबा बागेश्वर के इस भावुक बयान के बाद यह सवाल उठ रहा है कि **क्या यह सनातन धर्म को एकजुट करने की दिशा में एक बड़ा कदम है?** बिहार में उनकी कथा के दौरान उमड़ी भारी भीड़ और उनका यह बयान इस बात का संकेत है कि लोग धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए एकजुट हो रहे हैं।
उनके प्रवचन से यह साफ है कि वह सिर्फ धर्म प्रचार ही नहीं, बल्कि **समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी देना चाहते हैं।** अब देखना होगा कि उनकी यह भावुक अपील कितना असर डालती है और क्या इससे समाज में कोई बदलाव आता है।
**आपका इस मुद्दे पर क्या कहना है? क्या बाबा बागेश्वर की भावनाएं समाज के हर वर्ग को जोड़ने में सफल होंगी? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं।**
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