बिहार के युवाओं के लिए कन्हैया की हुंकार - 'पलायन रोको, नौकरी दो' यात्रा से सत्ता पर सीधा वार !

बिहार के युवाओं के लिए कन्हैया की हुंकार - 'पलायन रोको, नौकरी दो' यात्रा से सत्ता पर सीधा वार !


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### **"बिहार के युवाओं के लिए कन्हैया की हुंकार – ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा से सत्ता पर सीधा वार, बोले- इतिहास गौरवशाली, मगर वर्तमान बदहाल!"**  


बिहार की सियासत में इन दिनों हलचल तेज है। कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार अपनी **‘पलायन रोको, नौकरी दो’** पदयात्रा के तहत मुजफ्फरपुर पहुंचे, जहां उन्होंने सरकार पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार का इतिहास भले ही गौरवशाली रहा हो, लेकिन वर्तमान बदहाली की तस्वीर पेश कर रहा है। उन्होंने प्रदेश में बेरोजगारी, शिक्षा व्यवस्था की खस्ताहाली, स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा और मजदूरों के पलायन जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठाया।  


### **कन्हैया का सीधा हमला – "बिहार में परीक्षा होती है या पेपर लीक?"**  


कन्हैया कुमार ने बिहार में सरकारी नौकरियों और भर्ती परीक्षाओं में हो रही धांधली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां परीक्षाएं या तो समय पर होती ही नहीं हैं और अगर होती भी हैं तो पेपर लीक हो जाता है। उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर बिहार के युवाओं का भविष्य कब तक अंधकार में रहेगा? उन्होंने कहा, *"आज हम बिहार दिवस मना रहे हैं, लेकिन इस मौके पर हमें यह भी देखना होगा कि बिहार का वर्तमान कितना मुश्किल भरा है।"*  


उन्होंने हाल ही में पंजाब में बिहार के छात्रों के साथ हुई मारपीट का जिक्र करते हुए कहा कि जब तक बिहार में रोजगार के अवसर नहीं बढ़ेंगे, तब तक पलायन नहीं रुकेगा। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर कब तक बिहार के युवा अपने ही देश में पराए नागरिकों की तरह मारे जाएंगे?  


### **महिला ऑटो चालकों की बदहाली पर उठाए सवाल**  


इस यात्रा के दौरान कन्हैया कुमार ने ऑटो चालकों, खासकर महिला ऑटो चालकों की समस्याओं को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि बिहार में रोजगार के अवसर सीमित हैं, ऐसे में जो लोग खुद से रोजगार शुरू कर रहे हैं, उन्हें भी सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही। उन्होंने परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने और महिला चालकों को सुरक्षा एवं सहूलियत देने की मांग की।  


### **"यह पदयात्रा राजनीति नहीं, संघर्ष का मंच है"**  


कन्हैया कुमार ने अपनी पदयात्रा को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह कोई चुनावी प्रचार नहीं, बल्कि जनता की आवाज उठाने का एक जरिया है। उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि चुनावी चर्चा के दौरान सभी दलों से यह सवाल पूछा जाए कि उनके घोषणा पत्र में पलायन और बेरोजगारी जैसे मुद्दे हैं या नहीं।  


उन्होंने कहा, *"बिहार में आज भी अस्पतालों की हालत खस्ता है। मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा, मेडिकल सुविधाएं नाममात्र की हैं। सरकार को इन बुनियादी मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, न कि केवल वादे करने चाहिए।"*  


### **"यह देश यात्राओं का देश है"**  


कन्हैया कुमार ने अपनी यात्रा को ऐतिहासिक परंपरा से जोड़ते हुए कहा कि भारत यात्राओं का देश रहा है। उन्होंने महात्मा गांधी की दांडी यात्रा और अन्य ऐतिहासिक आंदोलनों का जिक्र करते हुए कहा कि परिवर्तन के लिए आवाज उठानी होगी और इस यात्रा का उद्देश्य यही है।  


उन्होंने बिहार सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अगर विकास का काम हुआ होता, तो आज बिहार के युवा दूसरे राज्यों में मजदूरी करने को मजबूर नहीं होते। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर कब तक बिहार के लोग रोज़गार के लिए पलायन करते रहेंगे?  


### **सियासी हलचल तेज, विपक्ष की नजरें टिकीं**  


कन्हैया कुमार की इस यात्रा को लेकर बिहार की राजनीति में गर्मी बढ़ गई है। जहां कांग्रेस इसे जनता के मुद्दों की लड़ाई बता रही है, वहीं विपक्ष इसे सिर्फ एक चुनावी नौटंकी करार दे रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है और बेरोजगारी एवं पलायन जैसे मुद्दों को मुख्यधारा की बहस में ला सकती है।  


### **क्या सरकार देगी जवाब?**  


अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार सरकार इस यात्रा पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या वाकई में बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर कोई ठोस कदम उठाया जाता है या नहीं। फिलहाल, कन्हैया कुमार की यह पदयात्रा बिहार की जनता के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है, लेकिन इसका असली असर चुनावी नतीजों में देखने को मिलेगा।  


**आप देखते रहिए Hind Live, मैं हूं राधा राणा, नमस्कार!**

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