महागठबंधन में सीट बंटवारे पर खींचतान, कांग्रेस और आरजेडी के बीच अहम मुद्दों पर जारी मंथन
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**बिहार विधानसभा चुनाव 2025: महागठबंधन में सीट बंटवारे पर खींचतान, कांग्रेस और आरजेडी के बीच अहम मुद्दों पर जारी मंथन**
पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सियासी हलचल तेज हो गई है। महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर तकरार बढ़ती जा रही है। कांग्रेस और आरजेडी के बीच कई अहम मुद्दों पर सहमति नहीं बन पा रही है, और इस पर गंभीर चर्चाएं जारी हैं। वहीं, तेजस्वी यादव की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी भी कांग्रेस के लिए एक बड़ा सवाल बन चुकी है, जिससे राजनीतिक माहौल और भी गरमाता जा रहा है।
कांग्रेस और आरजेडी के बीच मंगलवार को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और बिहार कांग्रेस के प्रमुख नेताओं के साथ आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव की चर्चा हुई। लगभग एक घंटे तक चली यह बैठक महागठबंधन की आगामी रणनीति पर केंद्रित रही। हालांकि, बैठक के बाद कोई ठोस फैसला नहीं हो सका, और सवाल अब भी अनुत्तरित हैं कि बिहार में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा।
### सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस की जिद
2020 में हुए विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के साथ कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, और इस बार भी कांग्रेस की इच्छा है कि उसी फार्मूले के तहत सीटों का बंटवारा किया जाए। कांग्रेस के कई नेताओं ने यह स्पष्ट किया है कि उनकी दावेदारी उन 70 सीटों पर है, जिनपर 2020 में उन्हें मौका दिया गया था। वहीं, आरजेडी का कहना है कि इस बार सीटों का वितरण व्यापक तौर पर होगा, और उसकी ओर से तेजस्वी यादव की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी की बात भी की जा रही है।
### महागठबंधन का इतिहास और 2020 चुनाव
महागठबंधन की एक लंबी राजनीतिक यात्रा रही है। 2015 में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा और शानदार जीत हासिल की थी। वहीं, 2020 में सीटों का बंटवारा काफी चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। आरजेडी ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस को 70 सीटों पर ही संतुष्ट होना पड़ा। हालांकि, कांग्रेस ने महज 19 सीटों पर जीत हासिल की, जिससे उसके प्रदर्शन पर सवाल उठने लगे थे।
कांग्रेस के खराब प्रदर्शन का मुख्य कारण माना जा रहा है कि पार्टी को जिन सीटों पर चुनाव लड़ा गया था, वे पहले से ही एनडीए के मजबूत गढ़ माने जाते थे, और वहां से कांग्रेस के लिए जीत का रास्ता मुश्किल था।
### 2025 के चुनाव में कांग्रेस की रणनीति
2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी रणनीति पहले ही तैयार कर ली है। पार्टी ने कुछ युवा नेताओं को आगे किया है, जिनमें कन्हैया कुमार जैसे नेता शामिल हैं, जो बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं। कांग्रेस की कोशिश है कि उन सीटों पर अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखे, जहां पार्टी पहले से प्रभावी है।
कांग्रेस के प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने कहा, "हम उन सीटों पर अपनी दावेदारी करेंगे, जहां हम मजबूत हैं। महागठबंधन में कोई मतभेद नहीं हैं, और हम मिल-बैठकर सभी मुद्दों का समाधान निकाल लेंगे।"
### तेजस्वी यादव की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी
महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर भी खींचतान जारी है। तेजस्वी यादव की सीएम उम्मीदवारी पर कांग्रेस की चुप्पी का कारण यह है कि कांग्रेस को लगता है कि अगर सीएम पद का चेहरा घोषित हो गया, तो आरजेडी पर दबाव नहीं बनाया जा सकेगा। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार भी लालू प्रसाद यादव की भूमिका निर्णायक होगी। वे चुनावी रणनीति में अपनी पार्टी के पक्ष में दबाव बनाए रखेंगे और कांग्रेस को भी वही सीटें देंगे, जहां उनकी पार्टी की स्थिति मजबूत हो।
### क्या कहता है कांग्रेस का नजरिया?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी महागठबंधन के अंदर अपने हक के लिए लड़ेगी और सभी मुद्दों पर समाधान निकालेगी। पार्टी इस बार भी अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पूरी ताकत लगाएगी।
कुल मिलाकर, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे और मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर तनाव बना हुआ है। कांग्रेस और आरजेडी के बीच यह राजनीतिक जंग अब और भी दिलचस्प हो गई है, और आगे आने वाले दिनों में इस पर और भी चर्चा हो सकती है।
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