ईद पर टोपी, वक्फ पर धोखा! पटना की सड़कों पर गरजा RJD का पोस्टर वार, नीतीश को बताया गिरगिट!
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**"ईद पर टोपी, वक्फ पर धोखा! पटना की सड़कों पर गरजा RJD का पोस्टर वार, नीतीश को बताया गिरगिट, कहा– 'सब याद रखा जाएगा'"**
बिहार में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की हलचल तेज़ हो रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग के साथ-साथ अब पोस्टर वॉर भी ज़ोर पकड़ता जा रहा है। गुरुवार को राजधानी पटना की दीवारों पर एक ऐसा पोस्टर नज़र आया, जिसने सूबे की सियासत में गर्मी ला दी है। ये पोस्टर आरजेडी की ओर से लगाया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला किया गया है।
पोस्टर में नीतीश कुमार को 'गिरगिट' कहा गया है और आरोप लगाया गया है कि वे चुनावी मौसम में रंग बदलने में माहिर हैं। आरजेडी नेता आरिफ जलानी द्वारा लगाए गए इस पोस्टर में साफ लिखा है — "गिरगिट रंग बदलता था, ये तो उससे भी ज्यादा स्पीड से रंग बदलने वाले निकले। इफ्तार देकर ठगने वाले, ईद में टोपी पहनाकर वक्फ पर धोखा देने वाले।"
इस पोस्टर में नीतीश कुमार की तीन तस्वीरें लगाई गई हैं— एक में वे टोपी पहने इफ्तार में दिख रहे हैं, दूसरी में हाथ जोड़ते नज़र आ रहे हैं और तीसरी तस्वीर में वे आरएसएस की ड्रेस में हैं। पोस्टर के ज़रिए संदेश देने की कोशिश की गई है कि नीतीश कुमार अवसरवादी हैं और अल्पसंख्यकों को सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल करते हैं।
दरअसल, पूरा विवाद वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) को लेकर है, जिसे जेडीयू ने संसद के दोनों सदनों में समर्थन दिया है। राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 128 वोट पड़े जबकि विरोध में 95 वोट। अब ये बिल राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन जाएगा।
आरजेडी का आरोप है कि नीतीश कुमार एक तरफ मुस्लिम समाज को खुश करने के लिए इफ्तार पार्टी में टोपी पहनते हैं, लेकिन दूसरी ओर वक्फ बोर्ड जैसे मुस्लिम समुदाय से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर बीजेपी के साथ खड़े हो जाते हैं। यही नहीं, NRC जैसे मुद्दों पर भी नीतीश का रवैया दोहरा रहा है— कभी विरोध, कभी समर्थन।
पोस्टर में एक लाइन ने खास ध्यान खींचा— "सब याद रखा जाएगा।" आरजेडी साफ संदेश दे रही है कि नीतीश कुमार की कथनी और करनी का हिसाब जनता इस बार चुनाव में जरूर लेगी।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह पोस्टर सिर्फ एक हमला नहीं, बल्कि आरजेडी की रणनीति का हिस्सा है। पार्टी अपने परंपरागत मुस्लिम वोट बैंक को यह याद दिलाना चाहती है कि कौन उनके पक्ष में खड़ा है और कौन सिर्फ दिखावे में यकीन रखता है।
बिहार की राजनीति में पोस्टर वार कोई नया खेल नहीं है, लेकिन चुनावी साल में इसका असर गहरा होता है। नीतीश कुमार की सेक्युलर छवि को निशाना बनाकर आरजेडी ने साफ कर दिया है कि इस बार चुनाव सिर्फ मुद्दों पर नहीं, इमेज पर भी लड़ा जाएगा।
अब देखने वाली बात ये होगी कि जेडीयू इस तीखे वार का जवाब किस अंदाज़ में देती है और क्या जनता वाकई इस पोस्टर की बातों को याद रखेगी?
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