"योगी का इलाहाबाद में विपक्ष पर हमला: 'समाजवाद' और 'पंथ निरपेक्षता' पर गंभीर आरोप!"
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के 136वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को डिग्रियां प्रदान की और इस मौके पर विपक्षी दलों पर तीखा हमला किया। उन्होंने संविधान के संदर्भ में कहा कि संविधान की मूल प्रति में "पंथ निरपेक्ष" और "समाजवादी" शब्द नहीं थे, और यह शब्द केवल तब जोड़े गए जब देश में संसद भंग थी और न्यायपालिका के अधिकारों को कमजोर किया जा रहा था।योगी ने संविधान दिवस के मौके पर यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग जो संविधान को कमजोर करने में शामिल थे, अब उसी संविधान को बचाने का ढिंढोरा पीट रहे हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि समाजवाद के नाम पर एक परिवार की चाटुकारिता चल रही है, जो किसी भी युवा आदर्श के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता।मुख्यमंत्री ने छात्रों से अपील की कि वे नए ज्ञान की खोज में हमेशा आगे बढ़ें, क्योंकि समय की गति बहुत तेज है। उन्होंने कहा, "समय के साथ नहीं चलने वाला अंत में पीछे रह जाता है, हमें अपने ज्ञान को अपडेट करने की आवश्यकता है।"साथ ही, उन्होंने युवाओं से रिफॉर्म और बदलाव के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाने की बात की। योगी ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि विश्वविद्यालयों में छात्र संघ के बजाय युवा संसद की दिशा में विचार किया जाए, ताकि राजनीति में अच्छे और शिक्षित युवा नेता आगे आ सकेंयह कार्यक्रम छात्रों के भविष्य को दिशा देने का अवसर था, लेकिन साथ ही यह एक राजनीतिक संदेश भी था, जिसमें मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार और पार्टी की नीतियों को भी प्रमुखता से रखा।।
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