Akhilesh Yadav के शिवलिंग वाले बयान पर VHP का तीखा विरोध, विनोद बंसल ने दी चेतावनी!
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**"अखिलेश यादव के शिवलिंग बयान पर VHP का विरोध, विनोद बंसल ने की कड़ी आलोचना"**
**अखिलेश यादव के बयान पर उठे विवाद, VHP ने कड़ी आलोचना की**
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास के नीचे शिवलिंग होने के अखिलेश यादव के बयान ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को दावा किया कि यूपी मुख्यमंत्री आवास के नीचे एक शिवलिंग है और उसकी खुदाई होनी चाहिए। उनके इस बयान के बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने तीखा विरोध जताया है और इसे हिंदू आस्था पर हमला करार दिया है।
**महाकुंभ पर कुदृष्टि का आरोप**
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने अखिलेश यादव के बयान का जोरदार विरोध किया और इसे महाकुंभ के आयोजन के साथ जोड़ते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी नेता महाकुंभ की भव्यता से परेशान हो रहे हैं। बंसल ने कहा, "महाकुंभ के आयोजन की भव्य तैयारियां जैसे-जैसे आगे बढ़ रही हैं, इंडी गठबंधन के नेताओं की धड़कनें भी तेज हो रही हैं। उन्हें ये स्वीकार करना चाहिए कि महाकुंभ और भगवान शिव के प्रति श्रद्धा का अपमान नहीं सहन किया जाएगा।"
**अखिलेश यादव का बयान**
अखिलेश यादव ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री आवास के नीचे शिवलिंग है, और यह एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का प्रतीक है। उनका यह बयान कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था, क्योंकि उन्होंने इस शिवलिंग की खुदाई की बात की थी, जिसे VHP ने हिंदू आस्था पर हमला मानते हुए निंदा की।
**VHP का संदेश: हिंदू आस्था का सम्मान करें**
विनोद बंसल ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, "यदि आपके पास इस शिवलिंग के बारे में कोई प्रमाण है, तो कोर्ट में जाएं, लेकिन हिंदू आस्था के खिलाफ बयानबाजी से बचें।" उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ और भगवान शिव के प्रति श्रद्धा रखने वालों को इस तरह के बयानों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बंसल ने आरोप लगाया कि कुछ नेताओं की कोशिश महाकुंभ के आयोजन को लेकर नकारात्मक प्रचार करने की है।
**क्या कुंभ के आयोजन से परेशान हैं विपक्षी नेता?**
महाकुंभ का आयोजन भारतीय संस्कृति और धर्म का एक अहम हिस्सा है, जो हर 12 साल में प्रयागराज में आयोजित होता है। इस आयोजन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं, और इसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। विपक्षी नेताओं के लगातार इस पर बयानबाजी और सवाल उठाने से यह सवाल उठता है कि क्या वे इस धार्मिक आयोजन के बढ़ते महत्व से चिंतित हैं।
**समाप्ति**
इस विवाद ने राजनीति में नए घमासान को जन्म दिया है। इस मुद्दे को लेकर आगे क्या प्रतिक्रिया आएगी, यह देखना होगा। लेकिन यह साफ है कि इस तरह के बयान हिंदू आस्था और भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान को लेकर कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
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