बिहार की सियासत में हलचल:लालू के बयान पर नीतीश की प्रतिक्रिया" जानिए पूरा मामला....

बिहार की सियासत में हलचल:लालू के बयान पर नीतीश की प्रतिक्रिया" जानिए पूरा मामला....


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"बिहार की सियासत में हलचल:लालू के बयान पर नीतीश की प्रतिक्रिया" जानिए पूरा मामला....


बिहार की राजनीति में एक नया तुफान उठ खड़ा हुआ है। राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन में वापसी का न्योता दिया है। लालू यादव का यह ऑफर नए साल के मौके पर सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि उनके दरवाजे हमेशा नीतीश कुमार के लिए खुले हैं और यदि वह चाहें, तो फिर से गठबंधन में लौट सकते हैं। लालू ने यह भी कहा कि भले ही नीतीश कुमार ने राजद से दूरी बना ली हो, लेकिन वह उन्हें माफ कर चुके हैं।


लालू के इस बयान ने बिहार की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। क्या नीतीश कुमार फिर से महागठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं? क्या यह राजनीति का नया मोड़ है? इन सवालों के बीच, नीतीश कुमार ने लालू के ऑफर को ठुकराते हुए प्रतिक्रिया दी, "क्या बोल रहे हैं.. छोड़िये न।" उनका यह साधारण सा उत्तर इस बात को दर्शाता है कि उन्होंने लालू के ऑफर को गंभीरता से नहीं लिया है। 


इसके अलावा, जदयू के नेता विजय चौधरी ने भी इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी और मुख्यमंत्री का स्टैंड साफ है कि हम NDA में हैं और NDA में ही रहेंगे।" उनका यह बयान यह संकेत देता है कि जदयू के भीतर कोई भी भ्रम नहीं है और पार्टी का गठबंधन के साथ संबंध मजबूत बना हुआ है।


दूसरी ओर, बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने लालू प्रसाद यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नीतीश कुमार, लालू यादव को अच्छे से जानते हैं और वह जानते हैं कि लालू अब सिर्फ डर के मारे ऐसी बातें कर रहे हैं। यह राजनीति की अंदरूनी जंग का हिस्सा माना जा सकता है, जो सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष के बीच बनी रही है।


इस बीच, राजद नेता तेजस्वी यादव ने लालू के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि यह बयान मीडिया और जनता को शांत करने के लिए था। उन्होंने यह भी दावा किया कि 2025 में नीतीश कुमार का राजनीतिक करियर खत्म हो जाएगा और बिहार में नई सरकार का गठन होगा। तेजस्वी के इस बयान से यह साफ है कि राजद नीतीश कुमार को लेकर किसी तरह की उम्मीद नहीं कर रहा है और उनकी नजरें 2025 के चुनाव पर टिकी हुई हैं।


यह राजनीतिक घटनाक्रम एक तरफ जहां बिहार के सियासी तापमान को बढ़ा रहा है, वहीं दूसरी तरफ यह दर्शाता है कि बिहार की राजनीति में सब कुछ पल भर में बदल सकता है। नीतीश कुमार और लालू यादव के बीच की यह गहमागहमी आने वाले महीनों में और भी दिलचस्प हो सकती है। इस स्थिति को लेकर क्या नया मोड़ आएगा, यह बिहार के चुनावी भविष्य को प्रhttps://youtu.be/ZQuQ2noibLIभावित करेगा।

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