हनुमान भक्तों पर हम/ला! जमुई की सड़कों पर बवल, पथ/राव-तो/ड़फोड़
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### **हनुमान भक्तों पर हमला! जमुई की सड़कों पर बवाल, पथराव-तोड़फोड़ के बाद प्रशासन ने इंटरनेट किया बंद**
**पटना:** बिहार के जमुई जिले में हनुमान चालीसा पाठ कर लौट रहे श्रद्धालुओं पर असामाजिक तत्वों द्वारा किए गए पथराव से माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और प्रशासन ने एहतियातन इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। घटना के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं, जिससे हालात और गंभीर हो गए हैं।
### **क्या है पूरा मामला?**
रविवार को हनुमान मंदिर में चालीसा पाठ का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद श्रद्धालु शांतिपूर्वक घर लौट रहे थे, लेकिन झाझा थाना क्षेत्र के बलियाडीह गांव में अचानक उन पर पथराव शुरू हो गया। देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया और भगदड़ मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने अचानक हमला कर दिया, जिससे कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं और कुछ श्रद्धालु घायल हो गए।
### **प्रशासन की कार्रवाई**
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। जिलाधिकारी और एसपी मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा ले रहे हैं। प्रशासन ने फौरन इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं ताकि अफवाहों पर रोक लगाई जा सके और सोशल मीडिया के जरिए किसी भी भड़काऊ सामग्री का प्रसार न हो। इसके अलावा, क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है और पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है।
### **हमले को लेकर श्रद्धालुओं में आक्रोश**
हमले में घायल हुए श्रद्धालुओं का कहना है कि वे शांतिपूर्वक अपने घरों की ओर लौट रहे थे, लेकिन अचानक भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। हिंदू स्वाभिमान मोर्चा के सदस्य और अन्य संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
एक प्रत्यक्षदर्शी महिला ने कहा, *"हमारे ऊपर अचानक पत्थर फेंके गए। हमारी गाड़ियां तोड़ दी गईं। यह जानबूझकर किया गया हमला था। प्रशासन को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।"*
### **अब तक कितनी गिरफ्तारियां?**
पुलिस ने अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच जारी है। प्रशासन का कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और किसी भी हाल में शांति भंग नहीं होने दी जाएगी।
### **बिहार में धार्मिक कार्यक्रमों पर लगातार हमले क्यों?**
इस घटना के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर क्यों हर बार हिंदू धार्मिक कार्यक्रमों को निशाना बनाया जाता है? क्या यह प्रशासन की नाकामी है कि असामाजिक तत्व बार-बार ऐसी घटनाओं को अंजाम देने में सफल हो जाते हैं?
फिलहाल, प्रशासन की कोशिश है कि माहौल को शांत किया जाए, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक असहिष्णुता को लेकर गंभीर बहस छेड़ दी है। बिहार सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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