चुनाव से पहले RJD का 'बिहार नीति संवाद', विकास के लिए 5 लाख करोड़ का सुझाव
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बिहार नीति संवाद: राजद ने उठाए विकास के मुद्दे, एक्सपर्ट्स बोले- राज्य के विकास के लिए हर साल चाहिए 5 लाख करोड़
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजद (राष्ट्रीय जनता दल) अपनी छवि को सुधारने के लिए एक नया कदम उठा रहा है। पार्टी ने दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में 'बिहार नीति संवाद' का आयोजन किया, जिसमें बिहार के विकास पर गहन मंथन किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी और बिहार के लिए जरूरी विकास रणनीतियों पर चर्चा की।
इस संवाद में भाग लेने वाले विशेषज्ञों ने एक अहम सुझाव दिया कि बिहार को अपनी सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए हर साल केंद्र से कम से कम 5 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की आवश्यकता है। उनका मानना है कि यह राशि बिहार को गरीबी के दायरे से बाहर निकलने और वास्तविक विकास की ओर बढ़ने के लिए जरूरी है।
'बिहार नीति संवाद' का आयोजन सोन वैली डेवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा किया गया था और इसमें राजद के सांसद सुधाकर सिंह सहित कृषि, शिक्षा, सार्वजनिक वित्त, और स्वास्थ्य जैसे अहम क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। इसके साथ ही, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी, ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी और एनएन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज के शिक्षाविद भी इस आयोजन का हिस्सा बने।
राजद महासचिव शाश्वत गौतम ने इस दौरान राज्य के विकास को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि बिहार में शिक्षा पर औसतन प्रति व्यक्ति केवल 3300 रुपये और स्वास्थ्य पर सिर्फ 800 रुपये खर्च किए जाते हैं, जो देश में सबसे कम हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य के आधारभूत ढांचे में गंभीर खामियां हैं, जिन्हें सुधारने की जरुरत है।
विशेषज्ञों ने इस संवाद में बिहार के सामाजिक और आर्थिक विकास पर जोर देते हुए कहा कि यह जरुरी है कि राजद, लेफ्ट और कांग्रेस एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में लोगों को राज्य की सच्चाई से अवगत कराए और अपनी नीतियों को आगामी चुनावी घोषणा-पत्र में शामिल करे। उन्होंने कहा कि कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नीतियों में बदलाव लाकर ही राज्य को आगे बढ़ाया जा सकता है।
इसके अलावा, बिहार में छोटे व्यापारियों को लोन मिलने में आ रही समस्याओं और महंगी बिजली के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने कहा कि बिहार जैसे राज्य में बिजली सस्ती होनी चाहिए और डीजल पर उच्च सब्सिडी मिलनी चाहिए, ताकि राज्य के विकास को और अधिक गति मिल सके।
राजद के इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि पार्टी आगामी चुनाव में बिहार के सामाजिक और आर्थिक विकास को अपनी मुख्य प्राथमिकता बनाएगी और इसके लिए ठोस नीतियों को अपने घोषणा-पत्र में शामिल करने पर विचार कर रही है। इस संवाद के बाद यह सवाल भी खड़ा होता है कि क्या बिहार को वह 5 लाख करोड़ का पैकेज मिलेगा, जो उसके विकास के लिए आवश्यक है, और क्या यह राज्य को गरीबी से बाहर निकालने में मदद करेगा।
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