BJP पर गिर रही है गाज अंग्रेज़ो के सफाए की जगह इतिहास का कर रहे सफाया?....
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आम आदमी पार्टी ने मुगल शासकों के नाम पर रखी गई सड़कों और इमारतों के नाम बदलने को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरते हुए कहा कि एक तरफ केंद्रीय मंत्री मुगल शासकों के नाम मिटाने में लगे हैं, और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को उन्हीं मुगलों की धरोहर ताजमहल दिखाते हैं। संजय सिंह ने कहा कि आज़ादी के बाद से अब तक देश के सभी प्रधानमंत्री 15 अगस्त को लाल किले से भाषण देते आए हैं, जिसे मुगल शासक शाहजहां ने बनवाया था। लेकिन बीजेपी अब नाम बदलने की राजनीति करके जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाना चाहती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी महंगाई, बेरोजगारी और गरीबों की समस्याओं पर चर्चा करने के बजाय गैर-जरूरी मुद्दों को तूल देकर देशवासियों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच महीनों में देश के आम नागरिकों का 94 लाख करोड़ रुपये शेयर बाजार में डूब चुका है, लेकिन बीजेपी को इस पर कोई चिंता नहीं है। अमीर और गरीब के बीच की खाई लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन इस पर कोई बहस नहीं हो रही। संजय सिंह ने व्यंग्य करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने तुगलक लेन स्थित अपने घर की नेमप्लेट बदलकर विवेकानंद मार्ग रख ली है, तो यह अच्छी बात है। इसका मतलब यह हुआ कि वे अपनी देशभक्ति प्रदर्शित करना चाहते हैं। लेकिन बीजेपी का असली चेहरा यह है कि जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत आते हैं तो प्रधानमंत्री मोदी उन्हें ताजमहल दिखाने के लिए भेजते हैं। जब बराक ओबामा भारत आए, तब भी ताजमहल घुमाया गया। जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो आए, तब भी ताजमहल दिखाया गया। कृष्ण पाल गुर्जर को बताना चाहिए कि वे ताजमहल कब तोड़ना चाहते हैं, हम भी उनके साथ चलेंगे।
संजय सिंह ने आगे कहा कि बीजेपी सिर्फ इतिहास के नाम बदलने की राजनीति कर रही है, लेकिन जब अंग्रेजों की गुलामी की बात आती है, तब वे खामोश हो जाते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि दिल्ली में लेडी हार्डिंग अस्पताल का नाम क्यों नहीं बदला जाता? आखिर यह अस्पताल अंग्रेज वायसराय लार्ड हार्डिंग की पत्नी के नाम पर है। अंग्रेजों ने 200 वर्षों तक भारत को गुलाम बनाए रखा, लेकिन बीजेपी के किसी भी नेता ने आज तक उनकी क्रूरता के खिलाफ आवाज़ नहीं उठाई। अंग्रेजों ने भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, अशफाक उल्ला खान, रोशन सिंह, खुदीराम बोस, प्रफुल्ल चाकी जैसे अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी पर चढ़ा दिया, लेकिन बीजेपी इस पर एक शब्द नहीं बोलती।
उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों की दलाली की थी। संजय सिंह ने कहा कि आरएसएस के नेताओं ने तिरंगे झंडे को अशुभ बताया और देश की आज़ादी की लड़ाई में गद्दारी की। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि यदि बीजेपी को इतिहास पर चर्चा करनी ही है, तो उसे इस बात पर भी चर्चा करनी चाहिए कि किस तरह आरएसएस ने आज़ादी के आंदोलन के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ मुखबिरी की और अंग्रेजों का साथ दिया।
आम आदमी पार्टी के नेता ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी केवल बेवजह के मुद्दों को उछालकर असली समस्याओं से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है। उन्होंने कहा कि मैं हर मंच पर आरएसएस की गद्दारी के बारे में बोलने के लिए तैयार हूं। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि आरएसएस ने अंग्रेजों के साथ मिलकर इस देश को तोड़ने का काम किया और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के खिलाफ दलाली की। उन्होंने कहा कि बीजेपी को अगर इतिहास पर चर्चा करनी है, तो इस पर भी खुलकर बात होनी चाहिए कि आखिर आरएसएस ने स्वतंत्रता संग्राम में क्या भूमिका निभाई थी।
संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी केवल नाम बदलने की राजनीति कर रही है, ताकि जनता की असली समस्याओं पर बात ही न हो। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर बीजेपी को बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक असमानता और किसानों की दुर्दशा पर बात करने में दिलचस्पी क्यों नहीं है? उन्होंने कहा कि जब देश के लोग महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त हैं, तब बीजेपी रोज नए नाटक कर रही है ताकि इन असली मुद्दों पर कोई चर्चा ही न हो। उन्होंने दोहराया कि बीजेपी के पास देश को आगे ले जाने की कोई नीति नहीं है, इसलिए वह बेकार के मुद्दों में जनता को उलझा रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी इस पर क्या जवाब देती है और क्या नाम बदलने की राजनीति से देश की असल समस्याओं का हल निकल पाएगा या नहीं।
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