बिहार विधानसभा में घमासान! लॉ एंड ऑर्डर पर गरमाया मुद्दा, विपक्ष के तीखे वार, सरकार बैकफुट पर?

बिहार विधानसभा में घमासान! लॉ एंड ऑर्डर पर गरमाया मुद्दा, विपक्ष के तीखे वार, सरकार बैकफुट पर?


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**बिहार विधानसभा में घमासान! लॉ एंड ऑर्डर पर गरमाया मुद्दा, विपक्ष के तीखे वार, सरकार बैकफुट पर?**  

बिहार विधानसभा का बजट सत्र हंगामेदार होता जा रहा है। विपक्ष ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। खासकर, हाल ही में पटना में एक अस्पताल की संचालिका की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या के बाद, इस मुद्दे ने और जोर पकड़ लिया है। आज भी सदन में इस घटना को लेकर तीखी बहस होने की संभावना है। विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है और इस मामले को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाकामी के तौर पर पेश कर रहा है।  

सत्र की शुरुआत से ही विपक्षी दल कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार पर निशाना साधते आए हैं। शुक्रवार को विपक्ष ने राष्ट्रगान के मुद्दे पर मुख्यमंत्री पर हमला बोला और जमकर हंगामा किया। विपक्षी नेताओं ने सदन के बाहर और भीतर पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव खुद पोर्टिको में बैनर लिए खड़े नजर आए, जिससे माहौल और गरमा गया।  

विधान परिषद में भी शुक्रवार को जबरदस्त हंगामा हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का माइक बंद होने पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। राबड़ी देवी ने कहा कि नीतीश कुमार को अब गद्दी छोड़ देनी चाहिए और अपने बेटे को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर बेटा मुख्यमंत्री नहीं बन सकता तो किसी और को कुर्सी सौंप देनी चाहिए। उनके इस बयान के बाद सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली।  

विपक्ष के हमलों के बीच सरकार ने भी मोर्चा संभाला। शुक्रवार को ही ग्रामीण कार्य विभाग समेत 11 विभागों का बजट पारित किया गया। ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने सदन में कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत अगले साल 6 हजार करोड़ रुपये की लागत से 5400 किलोमीटर सड़क बनाई जाएगी। उन्होंने दावा किया कि 2005 से पहले बिहार के गांवों में सड़क संपर्क की स्थिति बेहद खराब थी, लेकिन अब सरकार लगातार विकास के लिए काम कर रही है।  


बजट सत्र में विपक्ष सिर्फ कानून-व्यवस्था ही नहीं, बल्कि अन्य कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनियमितताओं की जांच कराने की मांग फिर से उठ सकती है। इसके अलावा अल्पसंख्यक विद्यालयों के शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों के समान वेतन देने की मांग को भी विपक्ष जोर-शोर से उठा सकता है।  


विधानसभा में आज ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत जल संसाधन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सवालों के जवाब दिए जाएंगे। वहीं, विधान परिषद में 2025 का बजट, बाल कल्याण बजट, जेंडर बजट और हरित बजट से जुड़ी पुस्तिकाएं टेबल पर रखी जाएंगी। इसके अलावा वार्ड पार्षदों के मानदेय में बढ़ोतरी को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है।  


बिहार की राजनीति में इस बजट सत्र की अहमियत काफी बढ़ गई है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यह सरकार के लिए खुद को साबित करने का मौका भी है। विपक्ष पूरी कोशिश कर रहा है कि सरकार को हर मोर्चे पर घेरा जाए, जबकि सत्ता पक्ष अपनी नीतियों और योजनाओं का हवाला देकर जनता को यह भरोसा दिलाने में जुटा है कि बिहार में सब कुछ ठीक चल रहा है। अब देखना यह होगा कि आज का सत्र कितना गरम होता है और क्या विपक्ष अपने हमलों से सरकार को बैकफुट पर धकेलने में कामयाब होता है या नहीं।

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