नहीं बनेगा कोई भी जिला या अनुमंडल सरकार ने किया साफ ?..
YouTube video link...https://youtu.be/MHgFETsP5Wk
बिहार में चुनावी साल के दौरान नए जिले, प्रमंडल, अनुमंडल या प्रखंड बनाए जाने की संभावनाओं पर विराम लग गया है। राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि इस दिशा में कोई नई पहल नहीं की जाएगी। गुरुवार को विधान परिषद में सरकार की ओर से यह घोषणा की गई, जिसमें कहा गया कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। यह जानकारी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्य कुमार नागेंद्र और उर्मिला ठाकुर के गैर सरकारी संकल्प के जवाब में दी।
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, और पिछले कुछ समय से अटकलें लगाई जा रही थीं कि नीतीश सरकार कुछ इलाकों को नए जिले या अनुमंडल का दर्जा देकर जनता को बड़ी सौगात दे सकती है। खासकर पश्चिम चंपारण से बगहा को अलग कर वाल्मीकि नगर को नया जिला बनाने की चर्चा जोरों पर थी। प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस दिशा में संकेत दिए थे, जिससे स्थानीय लोगों में उम्मीद जगी थी। मगर सरकार के हालिया बयान से उन तमाम अटकलों पर विराम लग गया है और क्षेत्रवासियों को बड़ा झटका लगा है।
बिहार में वर्तमान में कुल 38 जिले और 9 प्रमंडल हैं। अगर सरकार कोई नया जिला बनाती, तो यह करीब दो दशक बाद पहली बार होता। आखिरी बार 2001 में जहानाबाद को विभाजित कर अरवल को जिला बनाया गया था, लेकिन तब से बिहार में किसी भी नए जिले का गठन नहीं हुआ है। बगहा को जिला बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन सरकार ने फिलहाल इस पर कोई कदम उठाने से इनकार कर दिया है।
चुनावी साल में सरकार का यह रुख राजनीतिक रूप से भी अहम है। आमतौर पर चुनावों से पहले क्षेत्रीय संतुलन साधने और मतदाताओं को लुभाने के लिए नए जिले या अनुमंडल बनाए जाने की घोषणाएं की जाती हैं। लेकिन नीतीश सरकार ने इस बार इससे दूरी बनाए रखने का संकेत दिया है। बिहार में प्रशासनिक सुधारों को लेकर अक्सर बहस होती रहती है, और कई इलाकों में नए जिले की मांग लगातार उठती रही है। लेकिन राज्य सरकार का मानना है कि फिलहाल मौजूदा प्रशासनिक ढांचे को ही और प्रभावी बनाने की जरूरत है, बजाय इसके कि नए जिले या अनुमंडल बनाकर सरकारी संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ डाला जाए।
सरकार के इस ऐलान के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या चुनावी रणनीति के तहत ही यह फैसला लिया गया है, या फिर प्रशासनिक वजहों से इसे टाल दिया गया है। खासकर बगहा के लोगों में इस फैसले को लेकर नाराजगी देखी जा रही है, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि इस बार उनकी वर्षों पुरानी मांग पूरी हो सकती है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या चुनावी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए सरकार अपने रुख में कोई बदलाव लाती है या नहीं।
0 Response to "नहीं बनेगा कोई भी जिला या अनुमंडल सरकार ने किया साफ ?.."
एक टिप्पणी भेजें