दम है तो गोली चलाकर दिखाओ लड़की समझकर कमजोर समझे हो ? बिहार में छात्रसंघ चुनाव में मचा हाहाकार!
YouTube video link....https://youtu.be/5BJaa4SeKd0
पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव का माहौल पूरी तरह गर्मा चुका है। सभी छात्र संगठन पूरे दमखम के साथ प्रचार में जुटे हुए हैं, लेकिन इसके साथ ही टकराव और हिंसा की घटनाएं भी सामने आने लगी हैं। बुधवार को मगध महिला कॉलेज का कैंपस तब जंग का मैदान बन गया जब दो छात्र संगठनों के बीच तीखी झड़प हो गई। इस दौरान निर्दलीय महासचिव प्रत्याशी सलोनी राज के समर्थकों से मारपीट की गई, जिससे माहौल और ज्यादा तनावपूर्ण हो गया। इस घटना के बाद सलोनी राज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह हमलावरों को खुली चुनौती देती नजर आ रही हैं। उनका यह वीडियो छात्र राजनीति में नई बहस छेड़ रहा है।
मगध महिला कॉलेज में प्रचार अभियान के दौरान छात्र संगठनों के दो गुट आमने-सामने आ गए। प्रचार के दौरान बहस इतनी बढ़ गई कि मारपीट शुरू हो गई। कैंपस में मौजूद छात्राएं अचानक हुई इस झड़प से घबरा गईं और चारों तरफ अफरातफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह झगड़ा उस समय और बढ़ गया जब एक उम्मीदवार के समर्थकों ने दूसरे गुट के कार्यकर्ताओं को प्रचार करने से रोकने की कोशिश की। इस दौरान निर्दलीय उम्मीदवार सलोनी राज के समर्थन में खड़े एक छात्र पर हमला कर दिया गया, जिससे उसका सिर फट गया।
इस घटना के बाद सलोनी राज का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने सोशल मीडिया पर सीधा चुनौती दे डाली। वायरल वीडियो में वह आक्रोशित अंदाज में कह रही हैं, **"जो भी ऐसा किया है, मेरे मुंह पर गोली चलाओ। हम आपको ओपन चैलेंज देते हैं, मेरे सामने गोली ठोको। लड़की हैं तो कमजोर समझ लिए हो? निर्दलीय लड़कर हमने जो किया, वो संगठन वाले नहीं कर पाए। एक लड़की अपने दम पर जीतना चाह रही है, तो तुम लोगों को मिर्ची लगी है क्या? सीना ठोक कर बोलते हैं कि गोली चलाकर जाओ, हम नहीं रुकेंगे।"**
सलोनी के इस वीडियो के बाद छात्र संघ चुनाव और ज्यादा चर्चा में आ गया है। सोशल मीडिया पर उनकी यह लड़ाई बहस का मुद्दा बन गई है। कुछ लोग इसे छात्र राजनीति में बढ़ती हिंसा का संकेत मान रहे हैं, तो कुछ इसे एक मजबूत महिला नेतृत्व के उभरने के रूप में देख रहे हैं। समर्थकों का कहना है कि सलोनी बिना किसी संगठन के समर्थन के चुनाव लड़ रही हैं, जिससे विरोधी घबराए हुए हैं और इसी वजह से उन पर हमले किए जा रहे हैं। दूसरी ओर, कुछ छात्र संगठनों ने आरोप लगाया है कि प्रचार के नाम पर कैंपस में अनुशासनहीनता हो रही है, जिससे ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई।
पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में हमेशा से राजनीतिक दलों की अहम भूमिका रही है। बड़े-बड़े राजनीतिक चेहरे भी छात्र राजनीति से निकलकर बिहार की सियासत में अहम स्थान पा चुके हैं। ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सलोनी राज का आत्मविश्वास और उनके बयानों की आक्रामकता चर्चा का विषय बन गई है।
इस घटना के बाद प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं। कॉलेज प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू करने की बात कही है, लेकिन चुनावी माहौल में जिस तरह हिंसा बढ़ रही है, उससे छात्राओं में डर भी पैदा हो रहा है। सवाल यह है कि क्या छात्र राजनीति में इस तरह की झड़पें और हिंसक घटनाएं लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बन गई हैं? क्या निर्दलीय प्रत्याशी को धमकाने और डराने के ऐसे हथकंडे चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल नहीं खड़े कर रहे?
पटना यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनाव में हर साल तीखी प्रतिस्पर्धा होती है, लेकिन इस बार मामला कुछ अलग नजर आ रहा है। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सलोनी राज का जोश, उनका बेखौफ अंदाज और हमलावरों को खुली चुनौती देने वाला बयान चुनावी माहौल को और ज्यादा दिलचस्प बना रहा है। अब देखना यह होगा कि इस विवाद का पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव के नतीजों पर क्या असर पड़ता है और क्या प्रशासन इस तरह की हिंसा को रोकने के लिए ठोस कदम उठाता है या नहीं।
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