बागेश्वर धाम के बाद अब श्रीश्री रविशंकर की गूंज, बिहार में लगेगा आस्था का महाकुंभ!"

बागेश्वर धाम के बाद अब श्रीश्री रविशंकर की गूंज, बिहार में लगेगा आस्था का महाकुंभ!"


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### **बागेश्वर धाम के बाद अब श्रीश्री रविशंकर की गूंज, बिहार में लगेगा आस्था का महाकुंभ!**  

बिहार इन दिनों आध्यात्मिक ऊर्जा से भर चुका है। हाल ही में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा ने बिहार में भक्ति का माहौल बनाया, और अब आध्यात्मिक गुरु **श्रीश्री रविशंकर** अपने प्रवचनों और सत्संग के साथ बिहारवासियों के बीच आ रहे हैं। पटना और औरंगाबाद में आयोजित उनके महासत्संग को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। गांधी मैदान में होने वाले इस सत्संग में हजारों भक्तों के उमड़ने की संभावना है, जिससे यह बिहार का एक ऐतिहासिक आध्यात्मिक आयोजन बन सकता है।  

### **पटना और औरंगाबाद में सत्संग, गांधी मैदान में उमड़ेगी भीड़**  

आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक **श्रीश्री रविशंकर** ने बिहार दौरे की शुरुआत पटना से की। उनके स्वागत के लिए पटना एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में अनुयायी और आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यकर्ता पहुंचे। **7 मार्च को पटना के गांधी मैदान में उनका महासत्संग होगा**, जहां हजारों लोग आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर होंगे। इस आयोजन में **प्रवेश पूरी तरह नि:शुल्क** रखा गया है, जिससे हर कोई इसमें भाग ले सकता है।  


इसके अलावा, **8 मार्च को ज्ञान भवन में एक खास कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा**, जिसमें चुनिंदा प्रबुद्ध जनों से चर्चा होगी। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पास जारी किए गए हैं, और इसमें आध्यात्मिक, सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर गहन चर्चा होने की उम्मीद है।  


### **बिहार में बढ़ रहा आध्यात्मिक आकर्षण!**  

हाल के दिनों में बिहार में आध्यात्मिक आयोजनों की बाढ़ सी आ गई है। इससे पहले, **बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री** ने गोपालगंज में कथा का आयोजन किया था, जहां लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। उन्होंने **भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने** की बात कहकर एक नई बहस छेड़ दी थी। अब **श्रीश्री रविशंकर** के आगमन ने बिहार में एक और बड़ी आध्यात्मिक लहर पैदा कर दी है।  


बिहार ऐतिहासिक रूप से धर्म और अध्यात्म का केंद्र रहा है। **बुद्ध, महावीर, गुरु गोविंद सिंह** जैसे महापुरुषों की धरती पर अब भी आध्यात्मिक चेतना बनी हुई है। ऐसे आयोजनों से यह साफ हो जाता है कि बिहारवासी सिर्फ राजनीति ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान और भक्ति में भी रुचि रखते हैं।  


### **क्या है श्रीश्री रविशंकर का संदेश?**  

**श्रीश्री रविशंकर** केवल एक आध्यात्मिक गुरु ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में शांति और सद्भावना का संदेश देने वाले व्यक्ति हैं। उनके प्रवचन **तनाव मुक्त जीवन, ध्यान, योग और आंतरिक शांति** पर केंद्रित होते हैं। बिहार में उनके सत्संग से **युवा वर्ग को नई प्रेरणा** मिलेगी, और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।  


### **गांधी मैदान तैयार, भक्तों का उमड़ेगा सैलाब!**  

**गांधी मैदान में होने वाले महासत्संग की तैयारियां जोरों पर हैं।** यहां **25 हजार वर्गफुट में भव्य मंच** बनाया गया है, और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पटना के को-ऑर्डिनेटर ज्योति सिन्हा ने बताया कि **इस आयोजन में हर वर्ग, हर समुदाय के लोग शामिल होंगे**, जिससे बिहार में आध्यात्मिक चेतना को नया आयाम मिलेगा।  


### **बिहार क्यों बना आध्यात्मिक केंद्र?**  

बिहार में लगातार हो रहे इन धार्मिक आयोजनों ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है – **क्या बिहार अब राजनीति से ज्यादा अध्यात्म की ओर बढ़ रहा है?** पहले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और अब श्रीश्री रविशंकर का आगमन इस ओर इशारा कर रहा है कि **बिहार में आध्यात्मिक पुनर्जागरण का दौर शुरू हो चुका है।**  


### **आने वाले समय में और बढ़ेगा धार्मिक उत्साह!**  

बिहार में अब **आध्यात्मिक पर्यटन** को भी बढ़ावा मिल सकता है। आने वाले समय में और भी बड़े संत और धर्मगुरु यहां आ सकते हैं। बिहार में बढ़ती आध्यात्मिक हलचल इस बात का संकेत देती है कि यहां के लोग **सिर्फ राजनीति ही नहीं, बल्कि भक्ति, ध्यान और आध्यात्मिक उन्नति में भी रुचि रखते हैं।**  


### **निष्कर्ष**  

**श्रीश्री रविशंकर का यह सत्संग बिहार के आध्यात्मिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ने वाला है।** उनकी उपस्थिति से न केवल श्रद्धालुओं को मानसिक शांति और प्रेरणा मिलेगी, बल्कि यह आयोजन बिहार को एक नए आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि बिहार की यह **आध्यात्मिक लहर कितनी दूर तक जाती है, और क्या यह लोगों के जीवन में कोई स्थायी बदलाव ला पाएगी?**

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