सम्राट चौधरी के बजट पर अमल शुरू रोज़गार के भी खुलेंगे अवसर?....
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बिहार में महिलाओं के लिए सफर को अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने की दिशा में सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य में **पिंक बस सेवा** की शुरुआत की तैयारी जोरों पर है और यह सुविधा अप्रैल के पहले सप्ताह से उपलब्ध होगी। पहले चरण में पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में इस विशेष बस सेवा को शुरू किया जाएगा। इसके लिए 20 पिंक बसें पूरी तरह से तैयार कर ली गई हैं और इन्हें 31 मार्च तक पटना लाया जाएगा। इनमें से दस बसें पटना में संचालित की जाएंगी, जबकि पांच-पांच बसें भागलपुर और मुजफ्फरपुर के सड़कों पर दौड़ेंगी। बिहार के वित्त मंत्री **सम्राट चौधरी** ने हाल ही में पेश किए गए बजट में इस योजना की घोषणा की थी, जिसके बाद अब इसे अमलीजामा पहनाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
बिहार सरकार का उद्देश्य महिलाओं को आने-जाने में अधिक सुविधा और सुरक्षा प्रदान करना है। इसी कड़ी में पिंक बस सेवा को पूरे राज्य के प्रमुख शहरों में चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की योजना बनाई गई है। पहले चरण की तैयारियां **बिहार राज्य पथ परिवहन निगम** की देखरेख में की जा रही हैं। निगम के अनुसार, पिंक बसों को विशेष रूप से एसएमएल एपसू जू नामक एजेंसी द्वारा तैयार किया गया है। इन बसों का पूरा ढांचा गहरे गुलाबी रंग का होगा और चारों तरफ से गुलाबी रंग ही नजर आएगा। बस में 60 से 70 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी, जिससे महिलाओं के लिए पर्याप्त सीट उपलब्ध रहेगी। खास बात यह है कि तीनों शहरों में यह सेवा एक ही दिन शुरू की जाएगी, ताकि महिलाओं को समग्र रूप से इस सुविधा का लाभ मिल सके।
पिंक बसों को चलाने के लिए **महिला ड्राइवरों की भर्ती प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है**। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने महिला ड्राइवरों की तलाश के लिए एक विशेष एजेंसी का चयन किया है, जो योग्य ड्राइवरों को नियुक्त करेगी। महिला ड्राइवरों की भर्ती से पहले उनका ड्राइविंग लाइसेंस, अनुभव और अन्य जरूरी योग्यताओं की जांच की जाएगी। निगम के अनुसार, प्रारंभिक चरण में कुल **20 महिला ड्राइवर और 20 महिला कंडक्टरों की नियुक्ति की जाएगी**। इसके अलावा, अतिरिक्त 10 महिला ड्राइवरों को भी रखा जाएगा, ताकि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में ड्राइवर को तुरंत बदला जा सके और सेवा में कोई बाधा न आए।
बसों के मार्गों का निर्धारण करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि वे **स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों से होकर गुजरें**, ताकि छात्राओं और अन्य महिलाओं को आवागमन में कोई परेशानी न हो। कोशिश यह भी की जा रही है कि राजधानी पटना और इसके आसपास की जगहों पर महिलाओं को निजी बसों, ऑटो और अन्य असुरक्षित परिवहन साधनों पर निर्भर न रहना पड़े। सरकार चाहती है कि पिंक बस सेवा से महिलाओं को एक सुरक्षित, आरामदायक और विश्वसनीय परिवहन विकल्प मिले, जिससे वे निर्भीक होकर यात्रा कर सकें।
बिहार सरकार की इस पहल को **महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम** माना जा रहा है। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस योजना को लागू किया जा रहा है, जिससे सार्वजनिक परिवहन में उनकी भागीदारी बढ़े और वे बेझिझक यात्रा कर सकें। परिवहन विभाग की मानें तो भविष्य में इस सेवा का विस्तार अन्य शहरों में भी किया जाएगा, ताकि पूरे राज्य की महिलाएं इस सुविधा का लाभ उठा सकें। बिहार में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में महिला ड्राइवरों की भर्ती हो रही है, जिससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
अब बस इंतजार इस बात का है कि अप्रैल के पहले सप्ताह में जब ये **गुलाबी बसें सड़कों पर दौड़ेंगी**, तो महिलाओं के सफर में कितना बदलाव आएगा। क्या इससे उन्हें वाकई एक सुरक्षित और आरामदायक परिवहन विकल्प मिलेगा? यह देखने वाली बात होगी कि सरकार की यह पहल भविष्य में कितना कारगर साबित होती है और महिलाओं की यात्रा को कितना सुगम बनाती है।
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