Kanhiya kumar की यात्रा से RJD में हलचल, तेजस्वी पर सवाल या महागठबंधन में दरार?

Kanhiya kumar की यात्रा से RJD में हलचल, तेजस्वी पर सवाल या महागठबंधन में दरार?


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**बिहार की सियासत में हलचल: कन्हैया की यात्रा से महागठबंधन में दरार या नई रणनीति?**  

बिहार की राजनीति में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की यात्रा ने बड़ा राजनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर कांग्रेस इस यात्रा को पार्टी की मजबूती का जरिया बता रही है, वहीं आरजेडी के अंदर इस पर खलबली मची हुई है। कांग्रेस ने हाल ही में बिहार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह को हटाकर राजेश कुमार को नया अध्यक्ष बनाया, जिससे गठबंधन में नई चर्चाओं को हवा मिल गई। सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस बिहार में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए यह नया दांव खेल रही है या फिर महागठबंधन में असली सत्ता की लड़ाई शुरू हो चुकी है?  

**कांग्रेस और आरजेडी आमने-सामने?**  

कन्हैया कुमार की यात्रा पर आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां अपनी मजबूती के लिए काम कर रही हैं और चुनावी नतीजे ही तय करेंगे कि किसे फायदा होगा और किसे नुकसान। लेकिन उनके बयान के पीछे छिपा सियासी तनाव साफ झलक रहा है।  

आरजेडी ने दो टूक कहा है कि बिहार में महागठबंधन का नेतृत्व वही करेगा और तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे। 2020 के चुनावों में भी तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया गया था, लेकिन सरकार बनाने से चूक गए। अब 2025 में फिर वही दांव खेला जा रहा है, लेकिन इस बार कांग्रेस की बढ़ती सक्रियता आरजेडी के लिए चिंता का सबब बन रही है।  

**क्या कांग्रेस महागठबंधन में नया खेल खेल रही है?**  

राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि कांग्रेस, खासतौर पर कन्हैया कुमार, बिहार में अपनी खोई हुई पकड़ मजबूत करना चाहते हैं। कांग्रेस लंबे समय से आरजेडी के साए में रही है, लेकिन अब वह खुद को एक बड़े खिलाड़ी के रूप में पेश कर रही है। बिहार में कांग्रेस को हमेशा एक छोटे सहयोगी की भूमिका में देखा जाता रहा है, लेकिन कन्हैया कुमार की यात्रा से यह संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी अब अपनी अलग पहचान बनाना चाहती है।  


**लालू परिवार की मुश्किलें और बढ़ीं!**  


इस पूरे घटनाक्रम के बीच लालू यादव और उनके परिवार की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। जमीन के बदले नौकरी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच तेज हो गई है और लगातार पूछताछ का सिलसिला जारी है। बुधवार को पटना के ईडी दफ्तर में लालू यादव से पूछताछ की गई। इससे पहले तेज प्रताप यादव और राबड़ी देवी से भी पूछताछ हो चुकी है। परिवार के पांच सदस्य इस मामले में आरोपी हैं, जिससे आरजेडी को सियासी मोर्चे पर भी परेशानी झेलनी पड़ रही है।  


**बीजेपी की नजर महागठबंधन के मतभेदों पर!**  


बिहार की सत्ता से बाहर बैठी बीजेपी इस पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए है। पार्टी के नेता इस यात्रा को महागठबंधन की अंदरूनी कलह करार दे रहे हैं। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस और आरजेडी के बीच मतभेद अब खुलकर सामने आ रहे हैं और यह महागठबंधन ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाएगा।  

बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि कांग्रेस अपनी अलग राह तलाश रही है, जिससे गठबंधन की एकजुटता कमजोर हो सकती है। अगर कांग्रेस ने अपनी अलग रणनीति अपनाई, तो यह आरजेडी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।  

**क्या 2025 में महागठबंधन एकजुट रहेगा?**  

2025 में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं और सभी दल अपनी तैयारियों में जुट चुके हैं। आरजेडी को जहां कांग्रेस की बढ़ती सक्रियता परेशान कर रही है, वहीं कांग्रेस अपने नए नेतृत्व और कन्हैया कुमार की यात्रा के जरिए खुद को मजबूत करने में लगी है।  

अब बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस और आरजेडी एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे या फिर यह गठबंधन अंदरूनी कलह का शिकार हो जाएगा? क्या कांग्रेस तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा मानने को तैयार होगी, या फिर वह अपने लिए बड़ी भूमिका चाहती है?  

आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति और भी दिलचस्प होने वाली है। कांग्रेस, आरजेडी और बीजेपी के अगले कदम तय करेंगे कि बिहार की सत्ता पर किसका कब्जा होगा और महागठबंधन की राजनीति किस दिशा में जाएगी। फिलहाल, कन्हैया कुमार की यात्रा ने बिहार की राजनीति में बड़ा तूफान खड़ा कर दिया है, जिसका असर चुनावों तक देखने को मिलेगा।

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