बिहार में अब टेंडर निकाल कराए जाएंगे पंचायती कार्य बड़ा बदलाव होने की संभावना?....   #news #latestnews #breakingnews #biharnews #nitishkumar #bihargovernment

बिहार में अब टेंडर निकाल कराए जाएंगे पंचायती कार्य बड़ा बदलाव होने की संभावना?.... #news #latestnews #breakingnews #biharnews #nitishkumar #bihargovernment


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बिहार में पंचायतों के विकास कार्यों में अब बड़े बदलाव किए गए हैं। पंचायती राज विभाग ने निर्देश जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अब पंचायतों में सभी निर्माण कार्य निविदा (टेंडर) प्रक्रिया के माध्यम से ही कराए जाएंगे। पहले 15 लाख रुपये तक की योजनाओं का आवंटन सीधे तौर पर विभागीय स्तर से कर दिया जाता था, लेकिन अब इस प्रक्रिया को समाप्त कर दिया गया है। यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विकास योजनाओं के लिए आवंटित राशि समय पर खर्च नहीं हो रही थी, जिससे विकास कार्यों की गति काफी धीमी हो गई थी।  

पंचायती राज विभाग की 12 मार्च को हुई समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई कि कई योजनाएं समय पर पूरी नहीं हो रही हैं और धनराशि का समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि अब पंचायती राज संस्थाओं द्वारा सभी निर्माण कार्य निविदा के माध्यम से कराए जाएंगे, जिससे पारदर्शिता और कार्यक्षमता बनी रहे। इस संबंध में पंचायती राज विभाग के सचिव दिवेश सेहरा ने 13 मार्च को प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों (डीएम) और जिला पंचायत राज पदाधिकारियों (डीडीसी) को पत्र भेजकर इस निर्देश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा है।  

नए आदेश के तहत संविदा कर्मचारियों को योजनाओं का अभिकर्ता बनाए जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इसके अलावा, किसी भी सरकारी सेवक को एक बार में तीन से अधिक योजनाओं का अभिकर्ता बनने की अनुमति नहीं होगी। सचिव के पत्र में यह भी कहा गया है कि 25 मार्च 2023 को निर्गत आदेश के अनुसार 15 लाख रुपये से कम की लागत वाली योजनाओं के लिए त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं स्वयं यह निर्णय ले सकती थीं कि कार्य निविदा से कराना है या विभागीय रूप से। लेकिन अब समीक्षा में यह पाया गया कि विशेष रूप से जिला परिषदों में विभागीय स्तर पर कराए जा रहे कार्यों की प्रगति बेहद धीमी है।  

सरकार की चिंता यह है कि राज्य में विकास योजनाओं को गति देने के लिए बड़ी मात्रा में राशि आवंटित की जा रही है, लेकिन उनका लाभ समय पर जनता तक नहीं पहुंच रहा है। इसके चलते विकास कार्यों का क्रियान्वयन धीमा हो गया है, जिससे सरकार की छवि भी प्रभावित हो रही है। इसी कारण पंचायती राज विभाग ने यह सख्त निर्णय लिया कि योजनाओं का त्वरित और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए उन्हें निविदा प्रक्रिया से पूरा कराया जाएगा। इससे पारदर्शिता भी बनी रहेगी और संसाधनों का समुचित उपयोग भी होगा।  


सचिव ने प्रदेश के सभी डीडीसी सह जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस निर्णय का जिला परिषदों में सख्ती से अनुपालन कराया जाए। साथ ही, योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी पारदर्शिता, कार्यक्षमता और संसाधनों के सही उपयोग के आधार पर किया जाए। सरकार का मानना है कि यदि योजनाओं को निविदा प्रक्रिया से संचालित किया जाएगा, तो इससे भ्रष्टाचार की संभावना भी कम होगी और विकास कार्य समय पर पूरे किए जा सकेंगे।  


इस नए नियम से पंचायतों में चल रहे निर्माण कार्यों की गति में सुधार आने की उम्मीद है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस फैसले को जमीनी स्तर पर कितनी गंभीरता से लागू करता है और क्या वाकई इससे विकास कार्यों में तेजी आती है या नहीं। लेकिन इतना तो तय है कि सरकार की इस सख्ती से योजनाओं में अनियमितता पर रोक लगेगी और जनता को अधिक पारदर्शी तरीके से विकास कार्यों का लाभ मिलेगा।

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