मनरेगा मजदूरों को मिली बड़ी राहत,पीएम मोदी के दौरे से पहले बिहार के खाते में पहुंचे 2102 करोड़ रुपये
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे से पहले राज्य के लाखों मनरेगा मजदूरों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने मनरेगा योजना के तहत बिहार के मजदूरों की मजदूरी भुगतान के लिए 2102.24 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है। इस फैसले से लंबे समय से मजदूरी के पैसे का इंतजार कर रहे करीब 12 लाख मनरेगा श्रमिकों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को बिहार के मधुबनी जिले में एक दिनी दौरे पर आ रहे हैं, जहां वो एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। ऐसे में पीएम के आगमन से ठीक पहले यह आर्थिक राहत मजदूरों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं मानी जा रही है।
बिहार में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों की मजदूरी बीते चार महीनों से अटकी हुई थी। हजारों परिवार अपनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए इस भुगतान का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। अब केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी मिलते ही यह राशि सीधे मजदूरों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। जिससे हर श्रमिक के खाते में औसतन 17 हजार रुपये पहुंचने की उम्मीद है। बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया और कहा कि एनडीए सरकार मजदूरों के कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने साफ कहा कि यह फैसला पीएम मोदी के नेतृत्व में बिहार के श्रमिकों के प्रति केंद्र सरकार की संवेदनशीलता का परिचायक है।
गौरतलब है कि बिहार में मनरेगा योजना के तहत न केवल मजदूरों को रोजगार मिलता है, बल्कि इसके जरिए राज्य में ग्रामीण विकास के कई प्रोजेक्ट भी पूरे किए जाते हैं। लेकिन हाल ही में सामग्री मद यानी रोड, पंचायत भवन और जल संरक्षण जैसी बुनियादी योजनाओं के लिए केंद्र सरकार पर अब भी 3000 करोड़ रुपये का बकाया बाकी है। जिसकी वजह से कई विकास परियोजनाएं अधर में लटकी हुई हैं। बिहार सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया है कि इन योजनाओं के लिए बकाया राशि भी जल्द से जल्द जारी की जाए ताकि विकास के कार्यों में गति लाई जा सके और ग्रामीण इलाकों में सुविधाएं बेहतर हो सकें।
मनरेगा योजना की बात करें तो यह योजना देश के गरीब और ग्रामीण परिवारों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना मानी जाती है। इसके जरिए हर जरूरतमंद ग्रामीण परिवार को साल में 100 दिनों का रोजगार सुनिश्चित किया जाता है। इस योजना के तहत मजदूरों को न केवल काम मिलता है बल्कि तय समयसीमा में भुगतान भी सुनिश्चित किया जाता है, लेकिन बीते कुछ महीनों से बिहार के मजदूरों को अपने ही मेहनत की कमाई पाने के लिए इंतजार करना पड़ रहा था। ऐसे में 2102 करोड़ रुपये की इस पहली किस्त का जारी होना मजदूरों के लिए काफी सुकून और राहत की खबर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे को लेकर बिहार में सियासी हलचल भी तेज है। विपक्ष से लेकर सत्तारूढ़ एनडीए तक सभी पार्टियां इस दौरे को आगामी विधानसभा चुनाव के नजरिए से भी काफी अहम मान रही हैं। ऐसे में मनरेगा मजदूरों के लिए यह राहत पैकेज भी राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी मधुबनी की अपनी रैली में इस फैसले को बड़ी उपलब्धि के तौर पर जनता के सामने रख सकते हैं। इससे पहले भी पीएम मोदी ने कई बार मनरेगा योजना को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बताया है और आज के इस फैसले से एक बार फिर यह साफ हो गया है कि केंद्र सरकार इस योजना को लेकर कितनी गंभीर है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि मनरेगा की यह राशि समय पर मजदूरों तक पहुंचती है या नहीं, क्योंकि अक्सर भुगतान प्रक्रिया में देरी की खबरें आती रही हैं। साथ ही यह भी सवाल उठ रहा है कि बाकी की बकाया राशि और अधूरे विकास प्रोजेक्ट्स के लिए केंद्र सरकार कब तक राहत का ऐलान करेगी। लेकिन फिलहाल तो मनरेगा मजदूरों के लिए यह खबर राहत की सांस लेकर आई है और उनके बैंक खाते में जल्द ही यह रकम ट्रांसफर की जाएगी। पीएम मोदी के बिहार दौरे के पहले यह फैसला एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है, जिससे एनडीए सरकार के प्रति बिहार की जनता का भरोसा और मजबूत हो सकता है।
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