मुजफ्फरपुर में अवैध खनन पर सरकार का बड़ा एक्शन, डिप्टी सीएम बोले- करप्शन पर जीरो टॉलरेंस
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**मुजफ्फरपुर में अवैध खनन पर सरकार का बड़ा एक्शन, करप्शन पर जीरो टॉलरेंस नीति पर काम शुरू**
बिहार सरकार अब अवैध खनन और उससे जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर पूरी तरह एक्शन मोड में है। मुजफ्फरपुर में अवैध बालू खनन के एक मामले ने सरकार को सख्त रवैया अपनाने पर मजबूर कर दिया है। राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि सरकार किसी भी कीमत पर अवैध खनन और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। इस दिशा में मुजफ्फरपुर जिले में जो कार्रवाई हुई है, वह सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति की सीधी झलक है।
पूरा मामला फरवरी का है, जब मुजफ्फरपुर जिले के करजा थाना क्षेत्र में खनन विभाग ने एक अवैध बालू से लदा वाहन जब्त किया। इसे थाना परिसर में सुपुर्द भी किया गया, और विभाग ने थानाध्यक्ष से अनुरोध किया कि मामले में एफआईआर दर्ज कर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। लेकिन जांच में सामने आया कि थानाध्यक्ष ने मिलीभगत के चलते प्राथमिकी दर्ज ही नहीं की। एक महीने तक मामला दबा कर रखा गया।
जब यह बात विभाग के उच्च अधिकारियों और अंततः उपमुख्यमंत्री तक पहुंची, तो तत्काल संज्ञान लिया गया। विजय कुमार सिन्हा ने मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी और एसएसपी को इस मामले की गहराई से जांच करने के निर्देश दिए। जांच में थानाध्यक्ष की लापरवाही साबित होने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। साथ ही विभाग को सख्त निर्देश दिए गए कि इस मामले से जुड़े सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
इस कार्रवाई के जरिए सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वह खनन माफियाओं और उनसे सांठगांठ रखने वाले अफसरों को अब बख्शने के मूड में नहीं है। बिहार में पहले भी अवैध खनन को लेकर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इस बार सरकार का रुख बेहद सख्त दिख रहा है।
उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि खनिज विभाग के सभी जिलों में राजस्व वसूली की समीक्षा की जा रही है। खासकर जहां लक्ष्य से काफी कम वसूली हुई है, वहां जिम्मेदार अफसरों की भूमिका की जांच हो रही है। मुजफ्फरपुर जिले में वर्ष 2024-25 के दौरान महज 59.14 प्रतिशत खनन राजस्व की वसूली हो सकी है, जो अपने आप में चिंता का विषय है।
अब सरकार ने तय किया है कि ऐसे मामलों में दोषी पाए गए खनन पदाधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई होगी। बालू खनन बिहार की अर्थव्यवस्था और विकास के लिए जरूरी है, लेकिन जब इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियां शामिल हो जाती हैं, तो इससे न केवल सरकार को आर्थिक नुकसान होता है बल्कि कानून व्यवस्था पर भी असर पड़ता है।
विजय कुमार सिन्हा ने यह भी साफ किया कि जीरो टॉलरेंस नीति सिर्फ बयानबाजी नहीं है, बल्कि इसका असर अब जमीन पर दिखेगा। उन्होंने कहा कि हर जिले के अधिकारियों को सतर्क रहने की जरूरत है और जनता को भी जागरूक होना होगा कि ऐसे मामलों की जानकारी तुरंत दें ताकि सरकार समय रहते कार्रवाई कर सके।
बिहार सरकार की यह कार्रवाई भविष्य में अवैध खनन पर लगाम लगाने की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है। इससे यह संदेश भी गया है कि चाहे कोई भी अधिकारी या व्यक्ति हो, अगर वह अवैध गतिविधियों में लिप्त पाया गया, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
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