बिहार में ऑटो चालकों का सरकार के खिलाफ महाआंदोलन! नए नियमों से भड़के हजारों ड्राइवर!

बिहार में ऑटो चालकों का सरकार के खिलाफ महाआंदोलन! नए नियमों से भड़के हजारों ड्राइवर!


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बिहार में परिवहन विभाग के नए नियमों के खिलाफ ऑटो और ई-रिक्शा चालकों का गुस्सा फूट पड़ा है। सरकार के आदेश के अनुसार, अब स्कूली बच्चों के परिवहन के लिए ऑटो और ई-रिक्शा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। इस फैसले के बाद से ऑटो चालक संघ सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया है और जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर सैकड़ों ऑटो और ई-रिक्शा चालकों ने अपनी गाड़ियों के साथ प्रदर्शन किया और सरकार को दो टूक चेतावनी दी कि अगर यह आदेश वापस नहीं लिया गया तो वे बिहार में चक्का जाम करेंगे और कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।  


प्रदर्शनकारियों के समर्थन में विपक्षी दल भी उतर आए हैं। भाकपा माले के विधायक गोपाल रविदास ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार मजदूरों और गरीबों के खिलाफ काम कर रही है। उन्होंने दावा किया कि सरकार के इस फैसले से हजारों परिवार सड़क पर आ जाएंगे और बेरोजगारी और बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि अब इस सरकार का ज्यादा दिन बचना मुश्किल है, क्योंकि जनता इसे उखाड़ फेंकने के लिए तैयार बैठी है।  


ऑटो यूनियन का कहना है कि पटना में करीब 5000 ऑटो और ई-रिक्शा स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने का काम करते हैं। यह उनका मुख्य रोजगार है और इसी से वे अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। अगर यह आदेश लागू हो जाता है, तो हजारों ड्राइवरों की रोजी-रोटी छिन जाएगी। उनका कहना है कि पहले ही सरकार ने पुराने डीजल ऑटो हटाने का आदेश दिया था, जिसके चलते उन्होंने नए वाहन खरीदे थे और अभी तक उनकी ईएमआई भी नहीं चुकाई गई है। अब इस नए नियम से उनके लिए गाड़ी की किश्त भरना भी नामुमकिन हो जाएगा।  


धरने पर बैठे कई ऑटो चालकों ने सरकार के फैसले को तानाशाही करार दिया। एक ऑटो चालक ने कहा कि वे पहले ही महंगाई से परेशान हैं और अब सरकार ने उनकी रोजी-रोटी पर लात मार दी है। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को छोड़ना उनकी कमाई का एक अहम जरिया था, जिसे अचानक छीन लेना गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार को बच्चों की सुरक्षा की इतनी ही चिंता थी, तो उन्हें कोई और समाधान निकालना चाहिए था, ना कि सीधे ऑटो और ई-रिक्शा चालकों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।  


प्रदर्शनकारियों ने सरकार से तुरंत इस आदेश को वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो वे पूरे बिहार में बड़े पैमाने पर चक्का जाम करेंगे। इतना ही नहीं, ऑटो चालक संघ ने इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर करने की भी घोषणा की है।  


सरकार की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन बढ़ते विरोध को देखते हुए प्रशासन भी सतर्क हो गया है। अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला तो यह प्रदर्शन और बड़ा रूप ले सकता है और सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मुद्दे पर अपना रुख बदलती है या फिर यह आंदोलन और उग्र होता है।

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