सेवा इतिहास पोर्टल न अपडेट करने पर बिहार प्रशासनिक सेवा के 15 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस
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**बिहार प्रशासनिक सेवा के 15 अधिकारियों को मिला नोटिस: सेवा इतिहास पोर्टल अपडेट न करने पर उठे सवाल**
बिहार सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था में जवाबदेही और पारदर्शिता लाने के प्रयासों को तेज कर दिया है। इसी क्रम में सामान्य प्रशासन विभाग ने बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रसे) के 15 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन अधिकारियों पर सेवा इतिहास पोर्टल (Service History Portal) के अपडेटेशन कार्य में भाग नहीं लेने का आरोप है। विभाग ने इन्हें एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण देने और 19 मई को निर्धारित अपडेशन कार्यक्रम में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
**क्यों भेजा गया नोटिस?**
सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि बार-बार सूचना दिए जाने के बावजूद संबंधित अधिकारियों ने सेवा इतिहास पोर्टल पर अपनी जानकारी अपडेट नहीं की। यह न सिर्फ अनुशासनहीनता का प्रतीक है, बल्कि वरीय पदाधिकारियों के आदेश की अवहेलना भी मानी जा रही है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि समय रहते स्पष्टीकरण नहीं दिया गया तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।
**सेवा इतिहास पोर्टल का उद्देश्य**
बिहार सरकार ने बिप्रसे अधिकारियों की सेवा से संबंधित सभी जानकारियों का डिजिटल रिकॉर्ड रखने के लिए सेवा इतिहास पोर्टल की शुरुआत की है। इस पोर्टल पर अधिकारियों को अपनी नियुक्ति, स्थानांतरण, पदोन्नति, ट्रेनिंग और अन्य विवरण स्वयं अपडेट करने होते हैं। इसका उद्देश्य प्रशासन में पारदर्शिता और दक्षता लाना है। लेकिन कुछ अधिकारियों की उदासीनता इस उद्देश्य में बाधा बन रही है।
**किन अधिकारियों को भेजा गया नोटिस?**
जिन अधिकारियों को नोटिस भेजा गया है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
सुशील कुमार, मनोज कुमार, अखिलेश कुमार सिंह, वीरेंद्र कुमार, राकेश कुमार, राकेश कुमार झा, प्रमोद कुमार, गयन कुमार राम, सूरज कुमार सिन्हा, रेणु कुमारी, उत्तम कुमार, सुधीर कुमार, दुष्यंत कुमार, दीप शिखा और आरूप।
**प्रशासनिक सख्ती या उदाहरण?**
यह नोटिस राज्य सरकार की उस नीति का संकेत है जिसमें लापरवाही को अब नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि हर अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को समय पर निभाए। सेवा इतिहास पोर्टल जैसी पहल तभी सफल हो सकती है जब सभी अधिकारी सहयोग करें।
**निष्कर्ष**
बिहार सरकार का यह कदम प्रशासनिक जवाबदेही को सख्ती से लागू करने की दिशा में एक बड़ा संकेत है। यदि इस मामले में सरकार कड़ा रुख अपनाती है और भविष्य में ऐसे मामलों पर भी एक जैसी कार्रवाई करती है, तो इससे राज्य की नौकरशाही में एक सकारात्मक संदेश जाएगा। साथ ही प्रशासनिक कामकाज में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित की जा सकेगी।
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