Jan Suraaj के CM फेस होंगे प्रशांत किशोर? उदय सिंह के बयान ने बढ़ाई सियासी हलचल
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**प्रशांत किशोर होंगे जन सुराज के सीएम चेहरा? पार्टी अध्यक्ष उदय सिंह ने दिया बड़ा बयान, बिहार की सियासत गरमाई**
बिहार की सियासी सरगर्मी के बीच अब जन सुराज पार्टी ने बड़ा संकेत दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने संकेतों ही सही लेकिन साफ कर दिया है कि प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार हैं। इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में एक नई चर्चा तेज हो गई है।
दरअसल, पटना से पूर्णिया जाते समय बेगूसराय में पार्टी कार्यालय पर कार्यकर्ताओं के स्वागत के बाद उदय सिंह ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा, "प्रशांत किशोर ही हमारे सीएम फेस हैं। उनका पहला हक बनता है। हालांकि चुनाव के बाद अंतिम निर्णय जनता और विधायक ही करेंगे।" यानी अब तक खुद को सीएम पद की दौड़ से बाहर बताते रहे प्रशांत किशोर को उनकी ही पार्टी ने औपचारिक तौर पर मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत कर दिया है।
इसके साथ ही उदय सिंह ने गठबंधन की राजनीति को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि "गठबंधन नहीं, ठगबंधन होते हैं। जन सुराज किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगा।" उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई किसी पार्टी से नहीं, बल्कि बिहार में बदलाव लाने की है। उनका साफ कहना था कि जन सुराज का उद्देश्य सिर्फ सत्ता पाना नहीं, बल्कि बिहार की सोच और सिस्टम को बदलना है।
उदय सिंह ने सीमांचल में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इस पर केंद्र सरकार को स्पष्ट जवाब देना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के "हमारी रगों में सिंदूर दौड़ता है" वाले बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब मेडिकल कॉलेजों में ब्लड बैंक के बजाय सिंदूर बैंक बनवाने की तैयारी होनी चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि देश की सेना की बहादुरी का श्रेय देश को मिलना चाहिए, न कि किसी एक नेता को।
जन सुराज पार्टी और खुद प्रशांत किशोर पिछले कुछ वर्षों से बिहार के गांव-गांव जाकर जनता से संवाद कर रहे हैं। प्रशांत किशोर का प्रयास रहा है कि वो लोगों की समस्याएं जानें, उन्हें समझें और फिर नीतिगत बदलाव की नींव रखें। अब जबकि पार्टी उन्हें आगे बढ़ा रही है, ये स्पष्ट संकेत है कि जन सुराज अब संगठन से आगे बढ़कर सियासी जमीन पर पैर मजबूत करने की तैयारी में है।
इस बयान के बाद अब सभी की निगाहें बिहार की जनता पर टिकी हैं। क्या वो प्रशांत किशोर को एक रणनीतिकार से नेता के रूप में स्वीकार करेगी? क्या राज्य की राजनीति में तीसरा विकल्प मजबूती से उभरेगा? आने वाले चुनाव ही इन सवालों का जवाब देंगे। फिलहाल, इतना तय है कि बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर अब केवल एक सलाहकार नहीं, बल्कि बदलाव के संभावित चेहरे के रूप में तेजी से उभर रहे हैं।
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