दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: केजरीवाल के ईवीएम आरोप पर ललन सिंह का पलटवार, लोकतंत्र की साख दांव पर
YouTube video link....https://youtu.be/E4cvNucVtL8
**दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: ईवीएम पर सवाल और चुनावी रणनीतियाँ**
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल काफी गरमाया हुआ है, और इस बीच एक ऐसा मुद्दा उठ खड़ा हुआ है, जो पूरी राजनीति के धारा को प्रभावित कर सकता है—**ईवीएम (EVM)**। आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री **अरविंद केजरीवाल** ने हाल ही में यह दावा किया कि उन्हें यह जानकारी मिली है कि बीजेपी **ईवीएम में 10 प्रतिशत तक गड़बड़ी कर सकती है**। इस पर केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से अपील की है कि वह इतनी बड़ी संख्या में वोट डालें कि **ईवीएम की गड़बड़ी** का असर न हो सके। केजरीवाल का यह बयान दिल्ली चुनावों के लिए एक नया मोर्चा खोलता है, जहां **ईवीएम** को लेकर आशंका और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है।
### **केजरीवाल का बयान: क्या यह सिर्फ एक आरोप है?**
अरविंद केजरीवाल के इस बयान को लेकर राजनीति में हलचल मच गई है। उनका कहना है कि उनके सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि बीजेपी चुनावी मशीनों में गड़बड़ी कर सकती है, और इसके लिए वह **10 प्रतिशत वोट की हेरफेर** कर सकते हैं। केजरीवाल की यह चिंता यह जताती है कि अगर उनकी पार्टी को ईवीएम से छेड़छाड़ का सामना करना पड़ा, तो उनके वोटों की गिनती में कमी आ सकती है। केजरीवाल ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि वे **झाड़ू (AAP का चुनाव चिन्ह)** को बड़ी संख्या में वोट दें, ताकि ईवीएम के किसी भी संभावित खेल का असर न हो।
### **बीजेपी का जवाब: ईवीएम पर क्या कहता है बीजेपी?**
आम आदमी पार्टी के इस आरोप पर **बीजेपी** ने कड़ा विरोध किया है। केंद्रीय मंत्री **ललन सिंह** ने केजरीवाल के बयान पर जवाब देते हुए कहा, "जब आप बंगाल, तेलंगाना या कर्नाटक में जीतते हैं, तो ईवीएम सही है, लेकिन जब आप हरियाणा और महाराष्ट्र में हारते हैं तो ईवीएम खराब हो जाती है?" ललन सिंह ने यह भी कहा कि **ईवीएम** को भारत में **कांग्रेस** द्वारा लाया गया था, और अब जब चुनावी हार सामने दिखती है, तो विपक्ष इसे एक **बहाना** बना रहा है।
बीजेपी का कहना है कि **ईवीएम** पर उठ रहे आरोप सिर्फ एक **राजनीतिक रणनीति** हैं, ताकि हार का कारण मशीनों को ठहराया जा सके। बीजेपी ने यह भी कहा कि यह आरोप **लोकतांत्रिक संस्थाओं का अपमान** हैं और इससे देश के लोकतंत्र की साख कमजोर होती है।
### **क्या ईवीएम पर उठ रहे सवाल चुनावी नतीजों को प्रभावित करेंगे?**
ईवीएम के मुद्दे पर उठ रही बहस के कई पहलू हैं, और यह प्रश्न उठता है कि क्या इसका असर दिल्ली चुनाव के परिणामों पर पड़ सकता है। इस समय, चुनावी माहौल बेहद संवेदनशील है, और दोनों प्रमुख दल अपने-अपने तरीके से **ईवीएम पर आरोप** लगा रहे हैं। हालांकि, **चुनाव आयोग** बार-बार कह चुका है कि **ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित** हैं और उनमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं की जा सकती। बावजूद इसके, ऐसे आरोप चुनावी माहौल में हमेशा एक शंका पैदा करते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ईवीएम के मुद्दे पर जितना बहस होती है, उतना ही जनता का **विश्वास चुनावी प्रक्रिया पर कम हो सकता है**। यदि वोटर्स को लगता है कि मशीनों के साथ कोई गड़बड़ी हो सकती है, तो वे **मतदान प्रक्रिया में कम रुचि** ले सकते हैं या फिर **हड़बड़ी में गलत वोटिंग** कर सकते हैं।
### **लोकतंत्र और ईवीएम पर विश्वास**
ईवीएम पर उठ रहे सवाल लोकतांत्रिक प्रक्रिया के मूल सिद्धांतों को चुनौती देते हैं। जब चुनाव में हार जीत तय करने के लिए किसी भी संस्थान पर विश्वास नहीं रह जाता है, तो यह केवल चुनावी प्रक्रिया को ही नहीं, बल्कि देश के लोकतंत्र को भी **कमजोर करता है**। ईवीएम पर उठ रहे सवालों के कारण लोगों का चुनावी प्रक्रिया पर विश्वास कम हो सकता है, जो भविष्य के चुनावों में **लोकतांत्रिक संस्थाओं की प्रतिष्ठा** को और भी ज्यादा प्रभावित करेगा।
### **निष्कर्ष**
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर जो राजनीतिक तनाव देखा जा रहा है, उसमें ईवीएम का मुद्दा एक अहम भूमिका निभा रहा है। **केजरीवाल के आरोप** और **बीजेपी का जवाब** केवल चुनावी प्रचार का हिस्सा हो सकते हैं, लेकिन इस मुद्दे का असर **लोकतंत्र के विश्वास** पर पड़ सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर चुनाव आयोग क्या कदम उठाता है, और क्या यह आरोप चुनावी परिणामों को प्रभावित करेंगे या फिर यह केवल एक राजनीति का खेल रहेगा।
दिल्ली के चुनाव में जनता का **विश्वास और वोट** सबसे महत्वपूर्ण हैं, और यही चुनाव के सही परिणामों का निर्धारण करेगा।
0 Response to "दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: केजरीवाल के ईवीएम आरोप पर ललन सिंह का पलटवार, लोकतंत्र की साख दांव पर"
एक टिप्पणी भेजें