बिहार में नौकरी की बहार या सिर्फ चुनावी शोर? सच जानकर रह जाएंगे हैरान!

बिहार में नौकरी की बहार या सिर्फ चुनावी शोर? सच जानकर रह जाएंगे हैरान!


 YouTube video link...https://youtu.be/3DQMj4spJO0

### **क्या बिहार में सच में नौकरी की बहार आई है या यह सिर्फ चुनावी रणनीति है?**  

बिहार में बेरोजगारी लंबे समय से एक बड़ा मुद्दा रही है। हर चुनाव में युवाओं को रोजगार देने के वादे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है। इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने हाल ही में दावा किया है कि उन्होंने लाखों युवाओं को नौकरी दी है और आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या वाकई बिहार में नौकरी की बहार आ गई है, या यह सिर्फ चुनावी साल में वोट पाने की एक रणनीति मात्र है?  

### **नीतीश कैबिनेट की बैठक में लिए गए बड़े फैसले**  

हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें कुल **136 एजेंडों** पर मुहर लगाई गई। इनमें से कई फैसले नौकरियों और रोजगार से जुड़े थे। कैबिनेट बैठक में **6387 युवाओं को सरकारी नौकरी देने का फैसला लिया गया**, जबकि **6341 जूनियर इंजीनियरों** को भी नियुक्ति पत्र सौंपे गए। इसके अलावा, **496 अनुदेशकों की भी भर्ती की गई**। सरकार का दावा है कि **अब तक 95 लाख से अधिक लोगों को नौकरी मिल चुकी है** और **इस साल के अंत तक 12 लाख और नौकरियां देने का लक्ष्य है**।  

### **सरकार बनाम विपक्ष – नौकरी पर राजनीति**  

सरकार जहां इसे अपनी बड़ी उपलब्धि बता रही है, वहीं विपक्ष इसे सिर्फ दिखावा करार दे रहा है। **आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल)** का कहना है कि ये नियुक्तियां दरअसल तेजस्वी यादव की सरकार में शुरू की गई प्रक्रिया का हिस्सा थीं, जिसे अब नीतीश सरकार पूरा कर रही है। आरजेडी नेता **शक्ति यादव** का दावा है कि महागठबंधन की सरकार में इन भर्तियों की प्रक्रिया शुरू हो गई थी, लेकिन कानूनी अड़चनों के चलते यह अटक गई थी। अब जब **सुप्रीम कोर्ट ने बहाली का निर्देश दिया**, तब जाकर सरकार ने नियुक्ति पत्र बांटने शुरू किए हैं।  

दूसरी ओर, **बीजेपी और जेडीयू** का कहना है कि यह पूरी तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मेहनत का नतीजा है। डिप्टी सीएम **सम्राट चौधरी** ने कहा कि 2005 से 2020 तक नीतीश कुमार की सरकार ने **60 लाख से अधिक नौकरियां दीं**, और अब तक यह आंकड़ा **95 लाख को पार कर चुका है**। सरकार ने इस बार अपना टारगेट बढ़ाकर **12 लाख नौकरियों का रखा है**।  

### **कैबिनेट बैठक में अन्य फैसले**  

इस बैठक में नौकरियों के अलावा बिहार के विकास से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए। कुछ प्रमुख फैसले इस प्रकार हैं:  


- **दरभंगा बस स्टैंड के निर्माण को मंजूरी**  

- **पूर्णिया में अंतरराष्ट्रीय बस स्टैंड बनाने की स्वीकृति**  

- **मधेपुरा के सिंहेश्वर मंदिर के पास 90 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटन स्थल विकसित करने का निर्णय**  

- **नगर विकास एवं आवास, ग्रामीण कार्य, पर्यटन, ऊर्जा, जल संसाधन, स्वास्थ्य, राजस्व और शिक्षा विभाग से जुड़ी कुल 81 योजनाओं की मंजूरी**  


### **क्या ये नौकरियां बेरोजगारी दूर कर पाएंगी?**  


बिहार में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है, और लाखों युवा सरकारी नौकरी पाने की कतार में हैं। सरकार द्वारा दी जा रही नौकरियां निश्चित रूप से कई लोगों को रोजगार देंगी, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या ये नौकरियां राज्य में **बेरोजगारी की समस्या को पूरी तरह हल कर सकती हैं?**  

वर्तमान में बिहार में **बेरोजगारी दर 10-12% के आसपास** बताई जा रही है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। हर साल **लाखों छात्र** प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, लेकिन उनमें से बहुत कम को ही सरकारी नौकरी मिल पाती है। वहीं, प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों की स्थिति बेहद खराब है। बड़ी कंपनियां बिहार में निवेश करने से कतराती हैं, जिससे सरकारी नौकरी ही युवाओं के लिए मुख्य सहारा बन गई है।  

### **निष्कर्ष – हकीकत और राजनीति के बीच फंसे युवा**  

बिहार में नौकरियों को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच सियासी घमासान जारी है। सरकार का दावा है कि वह युवाओं को रोजगार देने में सफल रही है, जबकि विपक्ष इसे अपने शासनकाल की देन बताने में जुटा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि बिहार के लाखों बेरोजगार युवाओं को कब तक नौकरी के लिए इंतजार करना पड़ेगा?  

सरकार की यह पहल अच्छी है, लेकिन अगर बिहार में **लंबे समय तक बेरोजगारी की समस्या को दूर करना है**, तो सिर्फ सरकारी नौकरियों पर निर्भर रहने के बजाय **निजी क्षेत्र को भी बढ़ावा देना होगा**। बिहार में नई कंपनियों और उद्योगों को लाने के लिए सरकार को विशेष प्रयास करने होंगे, तभी सही मायनों में "नौकरी की बहार" आ सकती है। फिलहाल, यह बहार कितनी स्थायी है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

0 Response to " बिहार में नौकरी की बहार या सिर्फ चुनावी शोर? सच जानकर रह जाएंगे हैरान!"

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article