राहुल गांधी का बिहार दौरा: कांग्रेस की खोई पहचान वापस पाने की जंग, सियासत में मचा हड़कंप !”
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### **राहुल गांधी का बिहार दौरा: कांग्रेस की खोई सियासी जमीन तलाशने की कोशिश या महज औपचारिकता?**
**पटना:** बिहार में इस साल के अंत में होने वाले **विधानसभा चुनावों** से पहले सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता **राहुल गांधी** भी बिहार पहुंचे हैं। उनका यह दौरा कई मायनों में अहम है, क्योंकि कांग्रेस बिहार की राजनीति में लंबे समय से कमजोर होती जा रही है और अब वह अपनी **खोई हुई राजनीतिक जमीन वापस पाने की कोशिश** कर रही है। राहुल गांधी **पटना के एसके मेमोरियल हॉल** में स्वर्गीय **जगलाल चौधरी की 130वीं जयंती** समारोह में शामिल होने आए हैं। लेकिन क्या यह दौरा सिर्फ एक श्रद्धांजलि सभा तक सीमित रहेगा, या इसके पीछे कांग्रेस की कोई बड़ी सियासी चाल है?
### **कांग्रेस की सियासी रणनीति क्या है?**
बिहार में कांग्रेस की स्थिति पिछले कुछ वर्षों में लगातार कमजोर होती चली गई है। एक समय था जब कांग्रेस बिहार की सबसे मजबूत पार्टी हुआ करती थी, लेकिन अब उसकी स्थिति हाशिए पर पहुंच चुकी है। यही वजह है कि पार्टी **दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वोटरों** को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए रणनीति बना रही है।
राहुल गांधी का यह दौरा **18 दिनों में दूसरी बार** हो रहा है। इससे पहले **18 जनवरी** को वे **संविधान सुरक्षा सम्मेलन** में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने **दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के नेताओं** को साधने की कोशिश की थी। इस बार भी कांग्रेस **जगलाल चौधरी की जयंती** के बहाने इन्हीं वर्गों को अपने पाले में लाने की रणनीति पर काम कर रही है।
### **राहुल गांधी के दौरे पर सियासी घमासान**
राहुल गांधी के बिहार दौरे को लेकर **सियासी हलचल तेज हो गई है**। विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है।
**बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल** ने तंज कसते हुए कहा कि—
> *"राहुल गांधी को कांग्रेस नेता शकील अहमद खान के बेटे की मौत पर संवेदना जताने के लिए बिहार दौरा रद्द कर देना चाहिए था। लेकिन बड़े लोगों का अपना फैसला होता है, शायद वहां संवेदना कम हो।"*
वहीं, बिहार सरकार में मंत्री **रेणु देवी** ने कांग्रेस को पूरी तरह से **गर्त में जा चुकी पार्टी** बताया। उन्होंने कहा कि—
> *"राहुल गांधी का बिहार आना-जाना अब कोई मायने नहीं रखता। कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई है कि वह अब जनता के बीच अपनी पहचान ही नहीं बना पा रही।"*
**जेडीयू की ओर से भी कांग्रेस पर हमला बोला गया।** पार्टी के नेताओं ने कहा कि कांग्रेस की राजनीति अब बिहार में प्रासंगिक नहीं रही और राहुल गांधी का दौरा **सिर्फ दिखावे के लिए है**।
### **क्या कांग्रेस बिहार में वापसी कर पाएगी?**
अब सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी का यह दौरा कांग्रेस के लिए कोई बड़ा फायदा लेकर आएगा?
- क्या **पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वोटर** फिर से कांग्रेस की तरफ आकर्षित होंगे?
- क्या राहुल गांधी का बिहार में लगातार आना कांग्रेस को मजबूत कर सकता है?
- क्या कांग्रेस **बीजेपी-जेडीयू गठबंधन** को कोई कड़ी चुनौती दे पाएगी?
- क्या बिहार की जनता कांग्रेस को फिर से मौका देने के लिए तैयार होगी?
**इन सवालों का जवाब तो आने वाले चुनावों में ही मिलेगा, लेकिन इतना तय है कि कांग्रेस बिहार में फिर से अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।**
### **निष्कर्ष**
राहुल गांधी का यह दौरा कांग्रेस के लिए **राजनीतिक संजीवनी** साबित होगा या महज एक औपचारिकता बनकर रह जाएगा, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है और कांग्रेस **अपने वजूद की तलाश में हर दांव आजमा रही है**। अब देखना यह होगा कि जनता इस बार कांग्रेस को कितना गंभीरता से लेती है और क्या राहुल गांधी की ये कोशिशें बिहार की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव ला पाएंगी?
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