लालू प्रसाद को भारत रत्न पर तेजस्वी का मजाक !जानकर रह जायेंगे दंग?
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जदयू ने तेजस्वी यादव की भारत रत्न की मांग को 'हास्यास्पद' करार दिया, तकरार तेज
बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव द्वारा अपने पिता और राजद प्रमुख लालू प्रसाद को भारत रत्न देने की वकालत किए जाने को 18 फरवरी 2025 को 'हास्यास्पद' करार दिया है। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने तेजस्वी यादव पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह बयान पूरी तरह से परिवारवादी राजनीति का हिस्सा है और यह केवल व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव को यह समझना चाहिए कि भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसे महान व्यक्तित्वों को दिया जाता है, न कि उन लोगों को जो घोटालों में लिप्त रहे हों।
राजीव रंजन प्रसाद ने तेजस्वी यादव के बयान को लेकर कहा, "लालू प्रसाद के बेटे की तरफ से उनके लिए भारत रत्न की मांग करना हास्यास्पद है। तेजस्वी यादव अपने परिवार से आगे नहीं सोच सकते। उन्हें यह पता होना चाहिए कि भारत रत्न वह सम्मान है जो महान कार्यों और समाज के लिए योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है, न कि उन लोगों को जो घोटालों में शामिल रहे हों।"
उल्लेखनीय है कि तेजस्वी यादव ने 17 फरवरी 2025 को सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा में आयोजित एक कार्यक्रम में दावा किया था कि वर्तमान में कई लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुश करने के लिए लालू प्रसाद को गाली दे रहे हैं, लेकिन आने वाले समय में वे ही लोग एक दिन लालू प्रसाद को भारत रत्न देने की मांग करेंगे। तेजस्वी ने यह भी कहा कि लालू प्रसाद का योगदान बिहार और देश के लिए कभी भुलाया नहीं जा सकता है, और उनका कार्यकाल ऐतिहासिक था।
यह विवाद बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है, जहां सत्तारूढ़ जदयू और विपक्षी राजद के बीच एक बार फिर तीखी तकरार देखने को मिल रही है। जदयू जहां तेजस्वी के बयान को खारिज कर रहा है, वहीं राजद इसे लालू प्रसाद की महानता और उनके योगदान की स्वीकृति के रूप में देखता है।
जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने आगे कहा कि तेजस्वी यादव को यह समझना चाहिए कि यदि कोई महान नेता देश के लिए काम करता है तो उसकी पहचान जनता और इतिहास से होती है, न कि किसी व्यक्तिगत या पारिवारिक लाभ से। उन्होंने यह भी कहा कि लालू प्रसाद को 'भारत रत्न' देने की मांग करने से पहले यह देखना चाहिए कि उनके शासन में बिहार में क्या हुआ, और किस तरह के घोटाले सामने आए।
तेजस्वी यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म हो रहा है। राजद और जदयू के बीच की यह बयानबाजी अब बिहार की राजनीतिक हलचल में और भी तीव्र हो सकती है। आने वाले दिनों में यह सवाल उठ सकता है कि क्या इस तरह की बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप बिहार के चुनावी माहौल को और अधिक प्रभावित करेंगे या नहीं।
यह घटना इस बात का संकेत देती है कि बिहार की राजनीति में परिवारवाद और व्यक्तिगत राजनीति के मुद्दे अभी भी प्रमुख हैं, और दोनों ही दल इसे अपनी चुनावी रणनीति के हिस्से के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। अब यह देखना होगा कि आने वाले चुनावों में तेजस्वी यादव और उनके नेतृत्व में राजद इस बयानबाजी को किस तरह से अपने पक्ष में बदलता है, और जदयू किस रणनीति से इसे चुनौती देता है।
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